पुरस्थ ग्रन्थि, मूत्राशय की तली में होती है। पुरस्थ मूत्रमार्ग में से होकर गुज़रता है। पुरस्थ के स्त्राव वीर्य में शामिल हो जाते हैं। पुरस्थ ग्रन्थि एक चिपचिपा द्रव स्त्रावित करती है जो आमतौर पर यौन क्रिया के शुरु में निकलता है और चिकनाई प्रदान करने का काम करता है। इस ग्रन्थि की उपस्थिति अक्सर बड़ी उम्र में महसूस होती है जब ये सख्त हो जाती है। यह क्योंकि मूत्रमार्ग के सिरे पर होती है इसलिए इसमें सूजन आ जाने पर मूत्रमार्ग संकरा हो जाता है और इससे पेशाब करने में मुश्किल होती है। पुरस्थ ग्रन्थियों में कैंसर होने का खतरा होता है अत: बड़ी उम्र में इसकी जाँच नियमित रूप से की जानी ज़रूरी है।