अपने पूजा घर की स्थिति को पहचानिए। पूजा घर पूर्व-उत्तर (ईशान कोण) में होना चाहिए तथा पूजा यथासंभव प्रातः 06 से 08 बजे के बीच भूमि पर ऊनी या सूती आसन पर करनी चाहिए। इस बात का ध्यान रहे कि पूजा करते समय आपका चेहरा पूर्व या उत्तर की ओर रहे। हो सके तो पूजा घर के ईशान कोण में जल से भरा कलश रखें।
पूजा की दिशा – pooja ki disha – आपके घर का वास्तु शास्त्र – apke ghar ka vastu shastra