रसोई की सबसे बेहतरीन जगह दक्षिण-पूर्व है, दूसरा विकल्प उत्तर-पश्चिम दिशा में है। अगर दाम्पत्य जीवन के तालमेल में कमी के संकेत मिलते हों तो रसोई तथा शयन कक्ष की वास्तु योजना पर खास तौर पर ध्यान देना चाहिए। रसोई की दीवारों का पेंट आदि का भी ध्यान रखना आवश्यक होता है। रसोई घर में पूजाघर या देवताओं की मूर्ति जैसी चीजें न रखें। रसोई में कुकिंग रेंज पूर्व में ऐसे रखें कि खाना बनाने वाले के सामने पूर्व दिशा पड़े। फूज्ड प्रोसेसर, माइक्रोवन, फ्रिज इत्यादि की व्यवस्था दक्षिण-पूर्व में होनी चाहिए। पानी संबंधी कार्य जैसे वाटर फिल्टर, डिशवाशर, बर्तन धोने का सिंक आदि उत्तर-पूर्व वाले भाग में होने चाहिए। पूर्व की दीवार में वॉल कैबिनेट न हों तो बेहतर है यदि जरूरी हो तो यहाँ भारी सामान न रखें। खाने-पीने का सामान उत्तर-पश्चिम दिशा में या रसोईघर के उत्तर-पश्चिम भाग में स्टोर करें जिस दरवाजे से अधिक आना जाना हो या मुख्य द्वार यदि रसोईघर के ठीक सामने हो साथ ही पति पत्नी के ग्रह-नक्षत्र कलह का इशारा देते हैं तो बेहतर होगा कि दरवाजों की जगह बदलवाएँ वरना उक्त परिस्थितियाँ आग में घी का काम करती हैं।
38. भवन के बीचों-बीच का हिस्सा ब्रह्म स्थान कहा जाता है। इसे खाली रखा जाना चाहिए। जैसे फर्नीचर या कोई भारी सामान यहाँ पर सेहत व मानसिक शांति को प्रभावित करते हैं। ब्रह्मस्थान वाले क्षेत्र में छत में भारी झाड़ फानूस भी नहीं लटकाएँ जाएँ। इस हिस्से में पानी की निकासी के लिए नालियों की व्यवस्था का निषेध है, यह आर्थिक नुकसान का संकेतक है।
39. श्मशान की भूमि पर मकान बनाकर रहना सभी अशुभ मानते हैं। वास्तव में यह सारी पृथ्वी ही श्मशान है। जब कर्ण ने भगवान कृष्ण से निवेदन किया कि मेरा दाह ऐसे स्थान पर करना जहां किसी का आज तक दाह कर्म नहीं किया गया हो तब भगवान को पूरी पृथ्वी पर ऐसा कोई स्थान नहीं मिला।
40. वास्तुशास्त्र में वेध काफी महत्व रखता है। यह बाधा या रूकावट के संकेत देता है। भवन अथवा मुख्य द्वार के सामने अगर पेड़, खंभा, बड़ा पत्थर आदि या जनता द्वारा प्रयोग होने वाले मार्ग का अंत होता है तो उसका विपरीत असर पड़ता है। जब वेध व भवन के बीचों-बीच ऐसी सड़क हो जिसमें आम रास्ता हो तो वेध का प्रभाव पूरी तरह तो नहीं मगर बहुत कुछ कम हो जाता है। घर पर भी किसी कमरे के दरवाजे के सामने कोई वस्तु मसलन जसे सोने के कमरे के सामने ऐसी सजावटी वस्तुएँ तनाव और चिंताओं के कारण या नींद में बाधक हो सकती है.
वास्तु दोष के निवारण तथा प्रभावी उपाय 5 – vaastu dosh ke nivaaran tatha prabhaavee upaay 5 – वास्तु दोष के निवारण तथा प्रभावी उपाय – vastu dosh ka nivaran tatha prabhavi upaay