घर का पूजा स्थल सदैव घर की पूर्व-उत्तर दिशा में इस प्रकार व्यवस्थित किया जाना चाहिए कि पूजा करने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व की ओर हो। ऐसी स्थिति में यह बात विशेष ध्यान देने की है कि पूजा स्थान में जल का कलश सदा आपके बायीं ओर अर्थात पूजा स्थान के उत्तर में हो व ज्योति या धूप-अगरबत्ती को ज्वलित करने का स्थान सदा आपकी दायीं ओर हो। ऐसे में पूजा स्थान भी आंतरिक रूप से इस प्रकार व्यवस्थित हो सकेगा कि ईशान कोण में जल और आग्नेय कोण में अग्नि को स्थान मिलेगा। प्राय: पूजा के स्थान में लोग सजावट के लिए लाला रंग के बल्बों का प्रयोग करते है, जो सर्वथा अनुचित है। यहां नेचुरल सफेद, पीले या नीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही पूजा के कमरे की दीवारों को भी हलके नीले या पीले रंग से पेंट करवाना चाहिए। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि घर के पूजास्थल में भड़कीले रंगों के बजाय सौम्य रंगों का इस्तेमाल हो।
पूजा स्थल का इंटीरियर – pooja sthal ka interior – वास्तु के अनुसार सज्जा – vastu ke anusaar sajja