भवन निर्माण या वास्तु दोषों से मुक्ति हेतु कुछ वैज्ञानिक प्रयासों को अंजाम देकर परिवार में सुख, शांति और व्यापारिक संस्थानों को श्रीसमृद्धि से युक्त बनाया जा सकता है। वास्तु टिप्स का लाभ उठा कर अपने बौद्धिक साहस का परिचय दीजिए। चमत्कारों का सूर्य आपको आभायुक्त बना देगा।
भवन निर्माण में दरवाजे और खिड़कियां सम संख्या में हों तथा सीढ़ियां विषम संख्या में हों।
टॉयलेट और किचन एक पंक्ति (कतार) में या आमने-सामने होना दोषकारक है।
घर में गणेशजी की एक से अधिक मूर्ति हो तो कोई फर्क नहीं, परंतु पूजा एक ही गणेशजी की हो। घर में गणपति की मूर्ति, रंगोली, स्वस्तिक या ॐ का चिह्न बुरी आत्माओं के प्रभाव को नियंत्रित करता है।
स्फटिक के शिवलिंग की पूजा करें। स्फटिक असली हो तो प्रभाव में वृद्धि होगी।
घर के बाहर या अंदर आशीर्वाद मुद्रा में देवी-देवता की मूर्ति अथवा चित्र लगाएं। ध्यान रहे, उनका मुंह भवन के बाहर की तरफ हो।
घर के ड्राइंगरूम में मोर, बंदर, शेर, गाय, मृग आदि के चित्र या मूर्ति रूप में किसी एक का जोड़ा रखें जिसका मुंह एक-दूसरे की तरफ हो तथा मुंह घर के अंदर हो, शुभ रहेगा।
दक्षिण दिशा में घोड़ा (अश्व) रखना सर्वोत्तम है।
असली स्फटिक बॉल, श्रीयंत्र, पिरामिड या कटिंग बॉल को आप कहीं भी रख सकते हैं। (श्रीयंत्र को केवल घर के मंदिर में रखें।)
सरल वास्तु टिप्स 1 : क्या करें, क्या न करें – saral vaastu tips 1 : kya karen, kya na karen – वास्तुशास्त्र में वर्जित – vastu shastra mein varjit