प्राचीन भारतीय ज्योतिष के महान ग्रंथ भृगु संहिता के फलित का न तो कोई विकल्प है और न ही कोई चुनौती क्योंकि यह अद्वितीय आध्यात्मिक ज्ञान की पराकाष्ठा से प्रकट हुई प्रज्ञा का परिणाम है। ज्योतिषशास्त्र के प्रवर्तक प्रमुख रूप से 18 ऋषि माने जाते हैं। स्वयं ब्रह्माजी ने इस ज्योतिष का ज्ञान सूर्य को दिया था। सूर्य ने इसे विभिन्न युगों में भृगु आदि महर्षियों को दिया। भृगु ज्योतिष संहिता की रचना की ऋषि भृगु द्वारा की गई। भृगु संहिता संस्कृत भाषा में भोजपत्रों पर लिखी गई थी, जिसे दक्षिण भारतीय ज्योतिषियों ने ताड़ की पत्तियों पर सांकेतिक तमिल भाषा में अनुवादित किया गया। भृगु संहिता को तमिलनाडु में लोग भृगु नाड़ी के नाम से जानते हैं। भृगु संहिता के बिखरे पन्ने जन्मकुंडली के द्वादश भावों में स्थित नवग्रहों के फल कथन हेतु महर्षि भृगु ने भृगु सूत्रम् की रचना की। भृगु संहिता में कुंडली के जन्म लग्न अनुसार बताया गया है कि व्यक्ति का भाग्योदय कब होगा। कुंडली का प्रथम भाव जिस राशि का होता है, कुंडली उसी लग्न की मानी जाती है।
► मेष
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 16 वें, 22 वें, 28 वें, 32 वें, व 36 वें वर्ष की आयु में खुलते हैं।
► वृष
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 25 वें, 28 वें, 36 वें व 42 वें वर्ष की आयु में खुलते हैं।
► मिथुन
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 22 वें, 32 वें, 35 वें, 36 वें व 42 वें, वर्ष की आयु में खुलते हैं।
► कर्क
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 16 वें, 22 वें, 24 वें, 25 वें, 28 वें व 32 वें वर्ष की आयु में खुलते हैं।
► सिंह
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 16 वें, 22 वें, 24 वें, 26 वें, 28 वें व 32 वें वर्ष की आयु में खुलते हैं।
► कन्या
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 22 वें, 25 वें, 32 वें, 33 वें, 35 वें व 36 वर्ष की आयु में खुलते हैं।
► तुला
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 24 वें, 25 वें, 32 वें, 33 वें व 35 वर्ष की आयु में खुलते हैं।
► वृश्चिक
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 22 वें, 24 वें, 28 वें व 32 वर्ष की आयु में खुलते हैं।
► धनु
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 16 वें, 22 वर्ष की आयु में या 32 वर्ष की आयु में खुलते हैं।
► मकर
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 25 वें, 33 वें, 35 वें व 36 वें वर्ष की आयु में खुलते हैं।
► कुंभ
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 25 वें, 28 वें, 36 वें व 42 वें वर्ष की आयु में खुलते हैं।
► मीन
इस लग्न वाले व्यक्तियों की किस्मत के द्वार 16 वें, 22 वें, 28 वें व 33 वें वर्ष की आयु में खुलते हैं।