अशुभ सपने के फल से बचाव के 3 उपाय – Bure Sapne Ka Upay

स्वप्न शास्त्र के अनुसार सपने भविष्य में होने वाली शुभ और अशुभ घटनाओं का संकेत देते हैं।

यदि कोई अशुभ सपना आता है तो इससे कई प्रकार की हानि या नुकसान हो सकता है। जैसे धन हानि, बीमारी, अशुभ घटना आदि। वहीं शुभ सपना धन, उन्नति और शुभ समाचार देता है।

धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीराम को भी चित्रकूट प्रवास के दौरान एक अशुभ स्वप्न आया था। तब उसने अशुभ स्वप्न के बुरे प्रभाव से बचने के लिए भगवान शिव की आराधना की।

ऐसे में धार्मिक ज्योतिष शास्त्र में अशुभ सपनों के परिणामों से बचने के लिए कुछ कारगर उपाय बताए गए हैं। बुराई से बचने के लिए

अशुभ सपने क्या होते हैं?

सपने हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हमारे मन की अद्भुत शक्ति का प्रतिबिम्ब करते हैं। वे हमें निर्देश और संकेत देते हैं, हमारे भविष्य में होने वाली घटनाओं का पहले से ही अनुभव करवाते हैं और हमारे मन की गहराईयों को छूने का अवसर देते हैं।

अशुभ सपने वे सपने होते हैं जो हमें नकारात्मक और भयानक अनुभवों की अनुभूति करवाते हैं। ये सपने नकारात्मक इमेजरी और संवेदनाओं को हमारे मन में उत्पन्न करते हैं, जो हमारी मानसिक और शारीरिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं।

इनमें से कुछ सपने हमारे दिनचर्या, सम्बंध या स्वास्थ्य की प्रतीति होते हैं जो हमें निराशा, भय, चिंता या दुख का अनुभव कराते हैं।

अशुभ सपने के लक्षण

अशुभ सपनों के कुछ लक्षण हो सकते हैं, जो उस सपने की पहचान करने में मदद कर सकते हैं। ये लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. डरावनी और भयानक दृश: अशुभ सपनों में डरावनी और भयानक इमेजरी दिखाई देती है, जैसे कि मृत्यु, आपदा, रक्त, खौफ आदि।
  2. अस्वाभाविक घटनाएं: अशुभ सपनों में अस्वाभाविक और असामान्य घटनाएं दिखाई देती हैं, जो हमारी रोजमर्रा जीवन से अलग होती हैं।
  3. नकारात्मक भावना: ये सपने हमें नकारात्मक भावना जैसे कि डर, उदासी, निराशा आदि का अनुभव कराते हैं।

अशुभ सपने के फल से बचाव के उपाय

महादेव जी के पिंड पर बेल चढ़ाइए

महादेव जी को सबसे प्रिय अर्पण का रूप माना जाता है। उन्हें बिना खाली हाथ जाने पर वह हमारे मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक अंशों को समझते हैं और हमारी चिंता और भय को दूर करने में मदद करते हैं। महादेव जी की पूजा विशेष रूप से सोमवार को की जाती है, क्योंकि सोमवार उनका विशेष दिन माना जाता है।

इस प्रयोग में, आपको पाँच सोमवार तक महादेव जी के पिंड पर एक-एक बेल चढ़ाना होगा। ग्यारह बेलों की बजाय इक्कीस बेल चढ़ाने से भी इस प्रयोग का विशेष महत्व होता है। बेल चढ़ाते समय मन में श्रद्धा और विश्वास के साथ महादेव जी को समर्पित करें। इस प्रयोग को करने से पहले स्नान करें और पवित्र महादेव जी की मूर्ति के सामने विचारशीलता और ध्यान का अवलोकन करें।

यह पूजा बुरे सपनों को दूर (Bure Sapne Ka Upay) करने में सहायक होती है। महादेव जी को उनके पिंड पर बेल चढ़ाने से मान्यता है कि वे हमारे जीवन की अनिष्ट घटनाओं को दूर करते हैं और हमें शांति और सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस प्रयोग के द्वारा, हम अपने मन को सकारात्मक की ओर मोड़कर तनाव, चिंता और भय से मुक्त हो सकते हैं।

इस विशेष पूजा के बाद, हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखने की उम्मीद होती है। बुरे सपनों की आवाज कम हो जाती है और हमें सुख, समृद्धि और शांति की अनुभूति होती है। महादेव जी की आराधना और इस प्रयोग को नियमित रूप से करने से हमारा मन और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य सुदृढ़ होता है, जिससे हमें शुभ और प्रगाढ़ नींद मिलती है।

हनुमान चालीसा का जाप करें

हनुमान चालीसा भगवान हनुमान की प्रमुख प्रार्थना है और इसे विशेष मान्यता के साथ पढ़ा जाता है। हनुमान जी को भक्तों द्वारा बुरी तरह से डरावने सपनों से बचाने का शक्तिशाली संदेश माना जाता है। चालीसा में दिए गए श्लोकों के जाप से निश्चित रूप से बुरे सपनों के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

हनुमान चालीसा का जाप करने से पहले एक पवित्र स्थान पर बैठें या पूजा कक्ष में जाएं। श्रद्धा और भक्ति के साथ हनुमान जी की आराधना करें। फिर हनुमान चालीसा को ध्यान से पढ़ें और उसका जाप करें। हर श्लोक को मनोयोग से चाहे एक बार पढ़ें या जाप करें। अपने मन को पूरी तरह से चालीसा में लगाएं और भक्ति और श्रद्धा के साथ जाप करें।

हनुमान चालीसा का जाप करने से हमारा मन और मानसिक स्वास्थ्य सुदृढ़ होता है। यह हमें भय, चिंता और तनाव से मुक्त करता है और शांति और सुरक्षा की अनुभूति प्रदान करता है। हनुमान जी की कृपा से, बुरे सपनों की आवाज़ कम हो जाती है और हमें सकारात्मक और प्रगाढ़ नींद मिलती है।

इसलिए, हनुमान चालीसा का जाप करके हम अपने जीवन को बुरे सपनों से बचा सकते हैं और चिंता मुक्त जीवन का आनंद उठा सकते हैं। हनुमान जी की कृपा से हमें भगवान के आदर्शों का पालन करने की शक्ति मिलती है और हम सकारात्मक और शुभ जीवन की ओर आगे बढ़ते हैं।

महामृत्युंजय का पाठ करें

महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का एक प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से मनुष्य की सभी बाधाएं और परेशानियां दूर हो जाती हैं। प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करने और महामृत्युंजय पाठ का जाप करने से मनुष्य की डरावने सपनों की समस्या दूर हो जाती है।

अशुभ सपने के कारण

अशुभ सपनों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ये कारण व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक और भौतिक मानसिकता के साथ जुड़े हो सकते हैं। कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  1. मानसिक तनाव: अत्यधिक मानसिक तनाव वाले लोगों को अशुभ सपनों का अधिक अनुभव हो सकता है।
  2. दिनचर्या की प्रभावितता: अशुभ सपनों का संबंध अक्सर व्यक्ति की दिनचर्या और उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों से जुड़ा होता है।
  3. मन की उत्पीड़ना: कई बार व्यक्ति के मन में छिपे हुए भय या चिंता के कारण अशुभ सपने उत्पन्न हो सकते हैं।
संपूर्ण चाणक्य निति
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अशुभ सपनों के लिए वैज्ञानिक व्याख्या

वैज्ञानिकों के मुताबिक, अशुभ सपनों का हमारे मन की सांस्कृतिक और बाहरी प्रभावों से संबंध हो सकता है। ये सपने हमारे भीतर छिपे हुए डर और तनाव का प्रतिबिंब कर सकते हैं और हमारे मन की उत्पीड़ना का परिणाम हो सकते हैं। इसके अलावा, अशुभ सपने हमारे अंतर्ज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रकाश को भी प्रभावित कर सकते हैं।

कुछ वैज्ञानिक करना बुरे सपनों का:

  1. मानसिक स्वास्थ्य जांच करें बुरे सपनों के लिए चिंता और तनाव सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं। जितना अस्त-व्यस्त आपका मन होगा, उतने ही खराब सपने आएंगे। डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर और इससे संबंधित सभी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं आपके मन को प्रभावित करती हैं। अपने ट्रिगर्स को जानकर आप चिंता और तनाव का बेहतर जवाब दे सकेंगे।
  2. दुःखद अनुभवों को भूलने का प्रयास करें किसी दुःखद घटना या हादसे के तनाव विकार के बाद बुरे सपने आते हैं। दुर्भाग्य से, बहुत से लोग दुःखद अनुभवों से गुजर चुके हैं। हिंसा से बचना, प्राकृतिक आपदाएं, किसी प्रियजन की मृत्यु, रिश्तों का टूटना, और बहुत कुछ पीटीएसडी (पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) के लक्षण हो सकते हैं।
  3. यदि आपको पीटीएसडी है, तो मदद लेने का समय आ गया है क्योंकि यह आपके आप में ठीक नहीं होगा। और अगर आपको लगता है कि आप इसे अच्छी तरह से प्रबंधित कर सकते हैं, तो भी यह आपके जीवन की गुणवत्ता पर असर डालेगा।
  4. देखें कि आप क्या देख रहे हैं सोने से पहले आप क्या करते हैं? जैसे डरावनी फिल्में देखना या हॉरर बुक्स पढ़ना बुरे सपनों को लाने की संभावना होती है। यदि आपको लगता है कि यह आपको प्रभावित करता है, तो सोने से पहले आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले सामग्री को फ़िल्टर करें।
  5. अपने मन की कुछ लिखें आपके वास्तविक जीवन की चिंताएं बुरे सपने के रूप में आ सकती हैं। इन्हें लिखने से आपको दो तरीकों से मदद मिलेगी। यह आपको लिखित रूप में अपनी चिंताओं को निष्पक्ष दृष्टिकोण से देखने की अनुमति देगा। और यह आपके लिए इसे अपने मन से निकालने का एक तरीका है। चिंताएं और तनाव कम नहीं होंगे, लेकिन वे आपकी मदद करेंगे।
  6. अपनी शौक को समय दें और तनाव कम करें सोने से 90 मिनट पहले गर्म, आरामदेह स्नान या शावर लें। बुरे सपनों से बचने की कोशिश करने के लिए यह एक प्राकृतिक उपाय है। यह आपके शरीर के मुख्य तापमान को कम करेगा, जो आपके शरीर को संकेत देगा कि यह सोने का समय है। इसके अलावा, ध्यान करना, गहरी सांस लेना या अपने विचारों को शांत करने जैसे शांतिपूर्ण व्यायाम करें।
  7. दवाओं की जांच करें कुछ दवाएं बुरे सपने पैदा कर सकती हैं क्योंकि वे न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करती हैं। इसमें एंटीडिप्रेसेंट और बार्बिटुरेट्स शामिल हैं जो नींद को प्रभावित करते हैं। यदि इसके बावजूद आपको बुरे सपने होना शुरू हो गए हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
  8. शराब और भारी भोजन भी कारण हो सकते हैं खाना या नाश्ता करने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और आपका मस्तिष्क अधिक सक्रिय होता है इससे आपके मस्तिष्क में बुरे सपनों की संभावना बढ़ती है। इसलिए सोने से पहले अपने आहार पर ध्यान दें। शराब आपको अधीर करती है और नींद पर असर डालती है।

वैज्ञानिक तरीके से अशुभ सपने से बचने के उपाय

अगर आप अशुभ सपनों से पीड़ित हैं, तो आप निम्नलिखित उपायों का इस्तेमाल करके इनसे बच सकते हैं:

  1. अच्छे और सकारात्मक सोच वाले सपनों को देखें: सोते समय सकारात्मक और उत्साहजनक सोच करने का प्रयास करें। इससे आपके मन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मकता का विस्तार होगा और अशुभ सपनों के अनुभव का आशंका कम होगा।
  2. पूजा और ध्यान का अभ्यास करें: ध्यान करने और मन्त्र जाप करने के द्वारा आप अपने मन को शांत और स्थिर कर सकते हैं। पूजा और ध्यान का अभ्यास आपको शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव कराएगा।
  3. रात की देरी में खाना न खाएं: रात को देर से खाना खाने से आपके मन में गलत प्रकार की पाचन संबंधी क्रियाएं होती हैं, जो अशुभ सपनों के उत्पन्न होने का कारण बन सकती हैं। इसलिए, रात को जल्दी से खाना खाने की आदत डालें।
  4. आध्यात्मिक कार्यों में रुचि रखें: आध्यात्मिक कार्यों जैसे कि प्रार्थना, सत्संग, पवित्र स्थानों की यात्रा आदि में रुचि रखने से आपका मन शांत और सकारात्मक विचारों से भर जाएगा।
  5. रेगुलर एक्सरसाइज करें: नियमित रूप से व्यायाम करना आपके शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद होगा। योग, प्राणायाम, साँस लेने की अभ्यास आपको शांति और सकारात्मकता की अनुभूति कराएंगे।
  6. अशुभ सपने को प्रभावित न करने की चिंता न करें: कभी-कभी हमारे मन में अशुभ सपनों का अनुभव हो सकता है, लेकिन हमें उनके प्रभाव में न आने की कोशिश करनी चाहिए। हमें उनको भयंकर या अभिशाप के रूप में नहीं देखना चाहिए और उनसे निपटने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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