9 वर्ष पूर्व छत्तीसगढ के रायगढ जिले के समीप के एक गांव का 10-11 वर्ष का एक बालक किसी दूसरे गांव में पढता था । एक दिन जब वह स्कूल से आ रहा था । तो अचानक उसे पूर्व जन्म की कुछ स्मृतियाँ हो आईं । और वह उन दोनों गांवों के बीच में ही अपने सहपाठियों को यह कहकर कि – अब मैं यहां से नहीं जाऊंगा । समाधि में बैठ गया । तबसे वह आज तक उस स्थान पर समाधिस्थ है । और पता नहीं । कब तक समाधिस्थ रहेगा । दूर दूर से उसे देखने के लिये प्रतिदिन बहुत से लोग आते जाते रहते हैं । जिंदल फ़ैक्टरी के मालिक ने उसके लिए वहां चबूतरा भी बना दिया है । कभी कभी वहां मेला सा भी लगता है ।