इस नक्षत्र के देव त्वाशतव और स्वामी मंगल है | इस नक्षत्र के जातक शौकीन मिजाज होते हैं | अनेक विषयों में शौक होने के कारण किसी एक विषय में ध्यान केंद्रित नही कर पाते हैं | घुमने-फ़िरने, कपड़ा, नाटक, सिनेमा और खाने-पीने का शौक होता है | ये बहुत चंचल होते हैं | इनसे सफ़लता की आशा कर सकते है पर ये ज्यादा मानसिक मेहनत नही करना चाहते है |