इस नक्षत्र के देव अजयकपत और स्वामी गुरु है | इन जातकों में स्वार्थ परकता अधिक होती हैं |इनमें बौद्धिक विकास कम होता है | अपनी पत्नी या पति को ससुर पक्ष को लेकर टोकते रहते हैं | लेकिन उत्साह के मामले मे ये सबको पीछे छोड सकते हैं |
इस नक्षत्र के देव अजयकपत और स्वामी गुरु है | इन जातकों में स्वार्थ परकता अधिक होती हैं |इनमें बौद्धिक विकास कम होता है | अपनी पत्नी या पति को ससुर पक्ष को लेकर टोकते रहते हैं | लेकिन उत्साह के मामले मे ये सबको पीछे छोड सकते हैं |