इस नक्षत्र के देव वारि और स्वामी शुक्र है | इस नक्षत्र में जन्मे जातकों में कामवृत्ति विशेष प्रमाण में पाया जाता है | ये आलसी और गैरजिम्मेदार होते है | असफ़ल होने और हताश होने का इऩ्हें हमेशा भय रहता है | जब तक इन्हें कार्य का महत्व न समझाया जाये, ये कार्य नही करते हैं |