शुक्र ग्रहों में प्रेम, सौन्दर्य, राग रंग, गायन वादन एवं विनोद का स्वामी है.इस ग्रह का रत्न हीरा है.ज्यातिषशास्त्र और रत्नशास्त्र दोनों की ही यह मान्यता है कि कुण्डली में अगर शुक्र शुभ भाव का अधिपति है तो हीरा धारण करने से शुक्र के सकारात्मक प्रभाव में वृद्धि होती है. रत्नशास्त्र के अनुसार यह अत्यंत चमत्कारी रत्न होता है.इस रत्न को परखने के बाद ही धारण करना चाहिए.नीलम उस स्थिति में धारण करना चाहिए जबकि जन्म कुण्डली में शनि शुभ भावों में बैठा हो. अशुभ शनि होने पर नीलम धारण करने से सकारात्मक परिणाम नहीं मिलता है