शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के नाम से हर कोई डरता है और डर लगे भी क्यों ना, इस काल में आने वाले सभी जातक भारी नुकसान का सामना करते हैं। तमाम कोशिशों के बाद कार्य पूर्ण नहीं होते, पल-पल असफलता का मुख देखना पड़ता है, अचानक किसी दुर्घटना का भी शिकार हो जाते हैं लोग। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित जातक के जीवन में मुश्किलें होना तो आम बात है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनि देव के राशि परिवर्तन करते ही पहले से साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप झेल रहे जातकों के लिए मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं? संभावना तो यह भी होती है कि मुश्किलें पहले से कम हो जाएं, लेकिन ऐसा होना दुर्लभ ही माना जाता है। क्योंकि जब तक कुंडली में शनि बेहद शुभ स्थिति में ना हो और किसी प्रकार का नुकसान ना दे रहे हों, तब तक साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान सुगम समय की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।