१. स्त्री वर्ग का सम्मान और आदर करें। घर में कोई भी शुभ कार्य को प्रारम्भ करने से पहले स्त्री का हाथ जरूर लगवाएं।
२. वृद्ध व्यक्ति एवं अपाहिजों का आदर करने तथा चरण छूकर आशीष लेने को भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
३. यदि कोई स्त्री शनिदेव को सच्चे मन से अपने भ्राता के रूप में सम्मान दे तो शनिदेव की उस स्त्री पर विशेष अनुकम्पा होती है।
४. शनिवार को काले कुत्ते एवं कौए को मीठी रोटी डालने से भी शनिदेव अति प्रसन्न होते हैं।
५. शनैश्चरी अमावस्या के दिन गरीब व अपाहिजों को पुराने वस्त्र, काला कम्बल तथा खाने की वस्तुएं एवं चमड़े के जूते चप्पल दान में दें।
६. शनैचरी अमावस्या के दिन घर तथा कार्यक्षेत्र की अच्छी तरह सफाई करें, धुलाई करके घर के मुख्य द्वार के दोनों और तेल का दीपक जलाएं।
७. यदि शनि पीड़ा से पीड़ित जातक, शनि शान्ति एवं कृपा प्राप्ति हेतु विधिपूर्वक चैतन्य एवं प्राणप्रतिष्ठित मंत्रसिद्ध पारद शनि प्रतिमा को अपने पूजन स्थल में शनिवार को स्थापित कर उसकी नियमित रूप से पूजा-अराधना करें। (यह प्रयोग स्वयं प्रयोग किया हुआ विश्वसनीय प्रमाण है )
८. यदि शनि पीड़ा से मुक्ति प्राप्ति का प्रत्येक उपाय निष्फल होता दिखाई दे तो किसी योग्य तांत्रिक से गोपनीय रूप में शनि शांति अनुष्ठान करावें।
९. रात्रि में सोते वक़्त दोनों आँखों में असली सुरमा लगाये। शनिवार से प्रारम्भ करके यह प्रयोग नियमित करें तो निश्चित ही शनि प्रकोप शांत होता है।
१०. शनि शांति हेतु असली नीलम अथवा उपरान्त जड़ित मंत्रसिद्ध चैतन्य शनि यंत्र लॉकेट को किसी विद्वान ज्योतिषी से शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक निर्मित एवं अभिमंत्रित करवाकर गले में धारण करें।
११. व्यक्तियों की कुंडली में शनि की स्थिति ऐसी हो की वे नीलम रत्न धारण नहीं कर सकें तो योग्य ज्योतिषी से कुंडली का सूक्षम विश्लेषण करवाकर तथा ज्योतिषीय परामर्शनुसार उपयुक्त वजन का रत्न धारण करने भी जातक के भाग्य में सुखमय परिवर्तन होने लगेगा।
१२. प्रत्येक शनिवार की रात्रि में मंत्रसिद्ध चैतन्य काले अकीक की माला से काले कम्बल पर बैठकर शनि बीज मन्त्र का ज्यादा से ज्यादा संख्या में जप करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है।
१३. हनुमानजी के भक्तों को शनिदेव कोई पीड़ा नही पहुंचाते। अतः नियमित रूप से बजरंग बाण , संकटमोचन हनुमानाष्टक तथा हनुमान चालीसा का भक्ति भाव से पाठ करने वालों पर शनिदेव प्रसन्न रहते हैं।
१४. प्रत्येक शनिवार सरसों के तेल से रोटी चिपड़कर काले कुत्ते को खिलाएं एवं बंदरों को चने खिलाएं।
१५. शनिवार के दिन काले रंग के वस्त्र धारण करें एवं शनि के अष्टोत्तर नामों का सस्वर उच्चारण करें। शनिकृपा शीघ्र प्राप्ति होगी।
१६. शनिवार के दिन किसी शनि मंदिर जाकर शनि प्रतिमा को तिल अथवा सरसों का तेल चढ़ाएं।
१७. मंत्रसिद्ध चैतन्य असली काले घोड़े की नाल को शनिपुष्य योग अथवा शनिवार के दिन अपने घर, दूकान, ऑफिस या फैक्ट्री के मुख्य द्वार की चौखट पर स्थापित करने से आश्चर्यजनक लाभ होता है।