हस्तरेखा विज्ञान के विभिन्न रूपों में व्याख्या के असंख्य संस्करण रहे हैं. लेकिन, कुछ कदम दुनिया भर में सभी पीछा कर रहे हैं. एक अच्छे हस्तरेखा शास्त्री को हाथों की प्रत्येक रेखा (हृदय रेखा, जीवन रेखा आदि), हर पर्वत, उभार का, रेखाओं का मिलान व कटाव एवं उंगलियों के आकार, उनकी मिलती जुलती बनावट तथा हथेली की त्वचा के रंग आदि का विश्लेषण करना चाहिए.
हस्तरेखा शास्त्र और उन्हें पढ़ने के प्रकार के आधार पर एक हस्तरेखाविद् दोनो हाथों का विश्लेषण करता है. दाएँ हाथ से कार्य करने वाले एक व्यक्ति का बायां हाथ ‘जन्म हाथ’ कहा जाता है जो व्यक्ति के अवचेतन मन तथा विरासत में प्राप्त विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करता है. और उस व्यक्ति के दाहिने हाथ से चेतन मन का जो अपनी पहचान, योग्यता और उसके ग्रहण करने की क्षमता जैसी विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करता है. बाएँ हाथ के व्यक्ति के लिए यह स्थिति विपरीत रहेगी.