कालसर्प दोष

padma kalasarpa yoga

पद्म कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Padma kalasarpa yoga – kaal sarp dosh

  पद्म कालसर्प योग ● योग: यदि जातक के जन्‍मांग में राहु पांचवें भाव में हो और केतु ग्यारहवें भाव में हो तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो पद्म कालसर्प योग बनता है. ● प्रभाव: इसके कारण जातक के विद्याध्ययन में कुछ व्यवधान उपस्थित होता है. परंतु कालान्तर में वह व्यवधान समाप्त हो […]

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shankhapal kalasarp yoga

शंखपाल कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Shankhapal Kalasarp Yoga – kaal sarp dosh

  शंखपाल कालसर्प योग ● योग: यदि जातक के जन्‍मांग में राहु चौथे भाव में और केतु दसवें भाव में हो तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो शंखपाल कालसर्प योग बनता है. ● प्रभाव: ऐसे लोगों का माता पिता से हमेशा अनबन बन रहता है और ये लोग पारिवारिक कलह में ही उलझे

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वासुकि कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Vasuki Kalsarp Yoga – kaal sarp dosh

  वासुकि कालसर्प योग ● योग: यदि जातक के जन्‍मांग में राहु तृतीय और केतु भाग्‍य भाव यानि 9वें भाव में हो तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो वासुकि काल सर्प योग होता है. ● प्रभाव: ऐसे लोगों को भाईयों से कभी सहयोग नहीं मिलता. ऐसे लोगों का स्‍वभाव चिड़चिड़ा होता है. ये

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कुलिक कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Kulik Kalsarp Yoga – kaal sarp dosh

  कुलिक कालसर्प योग ● योग: यदि जातक के जन्‍मांग के द्वितीय भाव में राहु और अष्‍टम भाव में केतु हो तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो यह कुलिक काल सर्प योग होता है. ● प्रभाव: इस वजह से जातक गुप्‍त रोग से जूझता रहता है. इनके शत्रु भी अधिक होते हैं परिवार

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anant kalsarp yoga

अनंत कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Anant Kalsarp Yoga – kaal sarp dosh

  अनंत कालसर्प योग ● योग: यदि जातक के जन्‍मांग के प्रथम भाव में राहु और सप्‍तम भाव में केतु हो तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो अनंत काल सर्प योग होता हे. ● प्रभाव: जातक के घर में कलह होती रहती है. परिवार वालों या मित्रों से धोखा मिलने की आशंका हमेशा

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काल सर्प योग का परिचय – कालसर्प दोष | Introduction to Kaal Sarp Yoga – kaal sarp dosh

  कुंडली के बारह भावों में विभिन्न ग्रहों की स्थितियां बनती हैं जिनके आधार पर विश्लेषण करने पर योग बनते हैं. इन्हीं योगों में एक स्थिति बनती हैं – काल सर्प दोष की. काल सर्प योग में काल यानि राहु के नक्षत्र के स्वामी यम यानि काल और सर्प यानि केतु के नक्षत्र स्वामी आश्‍लेषा

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shankhchud kalasarp yoga

शंखचूड़ कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Shankhchud Kalasarp Yoga – kaal sarp dosh

  शंखचूड़ कालसर्प योग ● योग: केतु तीसरे स्थान में व राहु नवम स्थान में तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो शंखचूड़ नामक कालसप्र योग बनता है. ● प्रभाव: इस योग से पीड़ित जातकों का भाग्योदय होने में अनेक प्रकार की अड़चने आती रहती हैं. व्यावसायिक प्रगति, नौकरी में प्रोन्नति तथा पढ़ाई-लिखाई में

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कर्कोटक कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Karkotak Kalsarp Yoga – kaal sarp dosh

  कर्कोटक कालसर्प योग ● योग: केतु दूसरे स्थान में और राहु अष्टम स्थान में तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो कर्कोटक नाम कालसर्प योग बनता है. ● प्रभाव: ऐसे जातकों के भाग्योदय में इस योग की वजह से कुछ रुकावटें अवश्य आती हैं. नौकरी मिलने व पदोन्नति होने में भी कठिनाइयां आती

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takshak kalsarp yoga

तक्षक कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Takshak Kalsarp Yoga – kaal sarp dosh

  तक्षक कालसर्प योग ● योग: केतु लग्न में और राहु सप्तम स्थान में हो तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो तक्षक नामक कालसर्प योग बनता है. कालसर्प योग की शास्त्रीय परिभाषा में इस प्रकार का अनुदित योग परिगणित नहीं है. लेकिन व्यवहार में इस प्रकार के योग का भी संबंधित जातकों पर

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घातक काल सर्प योग – कालसर्प दोष | Deadly era snake yoga – kaal sarp dosh

  घातक काल सर्प योग ● योग: घातक काल सर्प योग तब बनता है, जब कुंडली के 10वें भाव में राहु और चतुर्थ भाव में केतु तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये. ● प्रभाव: ऐसे लोगों के वैवाहिक जीवन में तनाव बना रहता है. पै‍तृक संपत्ति जल्‍दी नहीं मिल पाती है. ऐसे लोग नौकरी

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