अनंत कालसर्प योग
● योग: यदि जातक के जन्मांग के प्रथम भाव में राहु और सप्तम भाव में केतु हो तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो अनंत काल सर्प योग होता हे.
● प्रभाव: जातक के घर में कलह होती रहती है. परिवार वालों या मित्रों से धोखा मिलने की आशंका हमेशा बनी रहती है. मानसिक रूप से व्यक्ति परेशान रहता है, हालांकि ऐसे लोग सिर्फ अपने मन की ही करते हैं.
● उपाय: अनन्त कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी के दिन एकमुखी, आठमुखी या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें.
यदि इस दोष के कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है तो नागपंचमी के दिन रांगे (एक धातु) से बना सिक्का पानी में प्रवाहित करें.