मुख्य मणियाँ- वैसे मणियाँ तो असंख्य हैं, परन्तु मुख्यतः 9 मणियों की मान्यता अधिक है, जो निम्न हैं-
घृतमणि तैलमणि भीष्मक मणि उपलक मणि स्फटिक मणि पारस मणि उलूक मणि लाजावर्त मणि मासर मणि
मणियाँ भी रत्नों की ही तरह ग्रहों के कारण उत्पन्न अनिष्ट को शांत करती हैं तथा मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ होती हैं। इनका वर्णन निम्नवत है
इस मणि को अँगूठी में धारण करने से बुद्धि बल की वृद्धि होती है तथा शरीर से दुर्गन्ध नष्ट होती है। सदा निर्दोष मणि को धारण करना चाहिए अन्यथा हानि होना सम्भव है।