इस नक्षत्र के देव गुरु है और स्वामी शनि है | शारीरिक सुख अधिक रस होने की वजह से संतान की संख्या जयादा होती है | पुरुषत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है |
इस नक्षत्र के देव गुरु है और स्वामी शनि है | शारीरिक सुख अधिक रस होने की वजह से संतान की संख्या जयादा होती है | पुरुषत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है |