परिचय- इसका रंग मटमैला होता है तथा मृदु होता है। ऐसी कहावत है कि यह मणि उल्लू पक्षी के घोंसले में पाई जाती है, परन्तु अभी तक यह कहीं देखने में नहीं आई है।
प्रभाव- जब यह मणि अप्राप्त है, तो प्रभाव अनुभव करने का प्रश्न ही नहीं उठता। फिर भी यह किंवदंती है कि किसी अंधे व्यक्ति को यदि घोर अंधकार में ले जाकर द्वीप प्रज्वलित कर उसकी आँख से इस मणि को लगा देने से उसे दिखाई देने लगता है।