– लड़का और लड़की की कुंडली का मिलान भावों के आधार पर भी होना बहुत जरुरी है क्योकि जन्म कुंडली का हर भाव महत्व रखता है। सभी नौ ग्रह कुंडली में अपना स्वतंत्र महत्व रखते हैं।
– जब भी कुंडली मिलान की बात आए तो यह देखें कि दोनो की जन्म कुंडली के भाव एक – दूसरे से 6,8 या 12 नहीं होने चाहिए। छठा भाव रोग, ऋण तथा शत्रुओं का माना जाता है। आठवें भाव को अनिष्टकारी माना जाता है। 12वाँ भाव व्यय का है। इसलिए इन तीनों को ही अशुभ माना गया है।
– जैसे लड़के की जन्म कुंडली के जिस भाव में सूर्य है उससे गिनती करते हुए लड़की की कुंडली का सूर्य देखें कि वह किस भाव में स्थित है।
– माना लड़के की जन्म कुण्डली में सूर्य दूसरे भाव में है और लड़की की कुंडली में सूर्य नवम भाव में है तो यह एक्-दूसरे से षडाष्टक योग बनाते हैं जो कि शुभ नहीं माना जाता है। यदि दोनो की कुंडली के सूर्य एक्-दूसरे से 6,8 या 12 वें भाव में स्थित है तब इसे शुभ नहीं माना जाता है।
– इसी तरह सभी नौ ग्रहों का आंकलन किया जाएगा और जितने अधिक से अधिक ग्रह एक – दूसरे से शुभ स्थित होगें उतना मिलान अच्छा होगा।