केतु का छठें भाव में फल छठवां घर बुध का होता है। यहां केतू दुर्बल माना जाता है। हालांकि यह केतू का पक्का घर होता है। यहां केतू के परिणाम बृकस्पति की प्रकृति पर निर्भर करते हैं। यह संतान के लिए अच्छे परिणाम देता है। जातक एक अच्छा सलाहकार होता है। यदि बृहस्पति शुभ हो तो जातक दीर्घायु होता है। मां खुशहाल होती है और जीवन शांतिपूर्ण होता है। यदि कोई भी दो पुरुष ग्रह जैसे सूर्य, बृहस्पति, मंगल अच्छी स्थित में हों तो केतू शुभ परिणाम देता है।यदि केतु छठे भाव में अशुभ है तो मामा परेशान रहता है। जातक भी बेकार की यात्राओं से परेशान रहता है। लोग बिना कारण के दुश्मन बन जाते हैं। जातक त्वचा रोग से परेशान रहता है। यदि चंद्रमा दूसरे भाव में हो तो मां परेशान होती है और स्वयं जातक की बृद्धा अवस्था परेशानियों में गुजरती है।
1. बाएं हाथ की उंगली में सोने की अंगूठी पहनें।
2. दूध में केसर डालकर पियें और कान में सोना पहनें।
3. सोने की सलाई गर्म करके दूध में बुझाएं और इसके बाद उस दूध को पियें इससे मानसिक शांति बढेगी, आयु वृद्धि होगी और यह बेटों के लिए भी अच्छा रहेगा।
4. एक कुत्ता पालें।