ketu ka doosare bhaav - ketu grah - prabhaav aur upaay

केतु का दूसरे भाव – केतु ग्रह – प्रभाव और उपाय – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – ketu ka doosare bhaav – ketu grah – prabhaav aur upaay – Aathavaan Din

केतु का दूसरे भाव में फल दूसरा घर चंद्रमा से प्रभावित होता है, जो केतु का शत्रु ग्रह है। यदि दूसरे भाव में स्थित केतू शुभ है तो जातक को पैतृक सम्पत्ति मिलती है। जातक खूब यात्राएं करेगा और यात्राओं से लाभ मिलेगा। ऐसी स्थित में शुक्र अपनी स्थिति के अनुसार अच्छे परिणाम देता है। चंद्रमा बुरे परिणाम देता है। यदि सूर्य 12 वें घर में हो जातक अपनी उम्र के चौबीस साल के बाद से अपनी आजीविका कमाना शुरू कर देता है। यदि केतू के साथ उच्च का बृहस्पति हो तो लाखों की आमदनी होगी। यदि दूसरे भाव में स्थित केतू अशुभ है तो जातक सूखे इलाकों की यात्राएं करेगा। जातक एक जगह पर आराम नहीं कर सकेगा और वह जगह-जगह भटकता रहेगा। आमदनी अच्छी होगी लेकिन, खर्च भी उतना ही हो जाएगा। इसप्रकार वास्तविक लाभ नगण्य हो जाएगा। यदि चंद्रमा या मंगल आठवें घर में हों तो जातक अल्पायु होगा और उसे सोलह या बीस साल की उम्र में गंभीर समस्या होगी। यदि आठवां घर खाली हो तो भी केतू बुरे परिणाम देगा।

उपाय

1. माथे पर केसर या हल्दी का तिलक लगाएं।

2 चरित्र का ढीला नहीं होना चाहिए।

3. यदि मंदिरों की धार्मिक यात्रा करें और मंदिरों में सिर झुकाएं तो दूसरे भाव का केतू अच्छे परिणाम देगा।

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