राहु का सम्बन्ध दूसरे और पांचवें स्थान पर होने पर जातक को सट्टा लाटरी और शेयर बाजार से धन कमाने का बहुत शौक होता है, राहु के साथ बुध हो तो वह सट्टा लाटरी कमेटी जुआ शेयर आदि की तरफ़ बहुत ही लगाव रखता है, अधिकतर मामलों में देखा गया है कि इस प्रकार का जातक निफ़्टी और आई.टी. वाले शेयर की तरफ़ अपना झुकाव रखता है। अगर इसी बीच में जातक का गोचर से बुध अस्त हो जाये तो वह उपरोक्त कारणों से लुट कर सडक पर आजाता है, और इसी कारण से जातक को दरिद्रता का जीवन जीना पडता है, उसके जितने भी सम्बन्धी होते है, वे भी उससे परेशान हो जाते है, और वह अगर किसी प्रकार से घर में प्रवेश करने की कोशिश करता है, तो वे आशंकाओं से घिर जाते है। कुन्डली में राहु का चन्द्र शुक्र का योग अगर चौथे भाव में होता है तो जातक की माता को भी पता नही होता है कि वह औलाद किसकी है, पूरा जीवन माता को चैन नही होता है, और अपने तीखे स्वभाव के कारण वह अपनी पुत्र वधू और दामाद को कष्ट देने में ही अपना सब कुछ समझती है।