यह एक अकाट्य सत्य है कि किसी कुन्डली में राहु जिस घर में बैठा है, १९ वीं साल में उसका फ़ल जरूर देता है, सभी ग्रहों को छोड कर यदि किसी का राहु सप्तम में विराजमान है, चाहे शुक्र विराजमान हो, या बुध विराजमान हो या गुरु विराजमान हो, अगर वह स्त्री है तो पुरुष का सुख और पुरुष है तो स्त्री का सुख यह राहु १९ वीं साल में जरूर देता है। और उस फ़ल को २० वीं साल में नष्ट भी कर देता है। इसलिये जिन लोगों ने १९ वीं साल में किसी से प्रेम प्यार या शादी कर ली उसे एक साल बाद काफ़ी कष्ट हुये। राहु किसी भी ग्रह की शक्ति को खींच लेता है, और अगर राहु आगे या पीछे ६ अंश तक किसी ग्रह के है तो वह उस ग्रह की सम्पूर्ण शक्ति को समाप्त ही कर देता है।