हजारों कुन्डलियों को देखा, जो महापुरुष या नेता हुये उन्होने बडे बडे संघर्ष किये तब जाकर कहीं कुर्सी पर बैठे, जवाहर लाल नेहरू सुभाषचन्द्र बोस सरदार पटेल जिन्होने जीवन भर संघर्ष किया तभी इतिहास में उनका नाम लिखा गया, हिटलर की कुन्डली में भी द्सवें भाव में राहु था, जिसके कारण किसी भी देश या सरकार की तरफ़ मात्र देखलेने की जरूरत से उसको मारकाट की जरूरत नही पडती थी।
