सही भाव में राहु-गुरु चांडाल योग को हटाकर यान चालक बनाता है
बुध अस्त में जन्मा जातक कभी भी राहु वाले खेल न खेले तो बहुत सुखी रहता है, राहु का सम्बन्ध मनोरंजन और सिनेमा से भी है, राहु वाहन का कारक भी है राहु को हवाई जहाज के काम, और अंतरिक्ष में जाने के कार्य भी पसंद है, अगर किसी प्रकार से राहु और गुरु का आपसी सम्बन्ध १२ भाव में सही तरीके से होता है, और केतु सही है, तो जातक को पायलेट की नौकरी करनी पडती है, लेकिन मंगल साथ नही है तो जातक बजाय पायलेट बनने के और जिन्दा आदमियों को दूर पहुंचाने के पंडिताई करने लगता है, और मरी हुयी आत्माओं को क्रिया कर्म का काम करने के बाद स्वर्ग में पहुंचाने का काम भी हो जाता है। इसलिये बुध अस्त वाले को लाटरी सट्टा जुआ शेयर आदि से दूर रहकर ही अपना जीवन मेहनत वाले कामों को करके बिताना ठीक रहता है।