विवाह सिर्फ दो दिलों का मेल ही नहीं बल्कि इसका संबंध तो उम्र भर के लिए होता है इसलिए शादी से पहले लड़के और लड़की की कुंडली मिलाई जाती है। तभी फिर आगे शादी की बात चलाई जाती है। मैं विनय बजरंगी आपको बताता हूं कि विवाह के लिए कुंडली मिलानी क्यों जरूरी होती है ? विवाह के लिए कुंडली मिलान के साथ-साथ अन्य तथ्यों पर विचार करना बेहद जरूरी होता है। अगर कुंडली मिलान हो रहा हो तो और अन्य तथ्यों पर गौर न किया जाए तो मिलान होने के बाद शादी सिरे चढ़ेगी या नहीं यह कहना बड़ा ही मुश्किल है। कुंडली मिलान के साथ-साथ हमें सप्तम भाव और कारक गुरु का विश्लेषण करके उनके वैवाहिक जीवन का अनुमान लगाकर विवाह के लिए परामर्श देना चाहिए।
गण, भकूट औप नाड़ी दोष कुंडली मिलान में अहम स्थान रखते हैं। कुंडली मिलान में इन कूटों को बेहद अंक प्राप्त होते हैं। इनके न मिलने पर कुंडली मिलान में 21 अंको का प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इनका मिलान बेहद जरूरी है। अगर इनमें से किसी का भी परिहार हो जाए तो इससे अंक तो कम होंगे ही, लेकिन इससे दोष में कमी आएगी। इस स्थिति में दोष होने के बावजूद यदि कम से कम अठारह अंक प्राप्त हो तो मिलान ठीक माना जाता है।
इसलिए विवाह से पहले लड़के-लड़की कुंडली मिलानी जरूरी होती है। क्योंकि विवाह कोई गुड्डे- गुडिड्यों का तो खेल है नहीं ? इसे तो ताउम्र निभाना पड़ता है। अगर आपको विवाह से पहले कुंडली मिलान संबंधी कोई सवाल या कुंडली संबंधी कोई उलझन है तो आप नोएडा स्थित बजरंगी धाम आ सकते हो और अपने मन की उलझनों को विनय बजरंगी को बता कर सुलझा सकते हो।