इस लग्न का स्वामी चंद्रमा व सप्तमेश शनि होते हैं। ऐसी कन्याओं के पति अध्ययन की बजाय शौकीन ज्यादा होते हैं, कन्या की आयु से उम्र में बड़ा होने की संभावना होती है, स्वभाव से क्रोधी व परा-शक्तियों में विश्वास करने वाला होता है। अपने आत्म-सम्मान की रक्षा हेतु वह किसी भी प्रकार का त्याग कर सकता है, परंतु अपने गर्व पर चोट सहन नहीं कर सकता।