शनि की स्वराशिस्थ, उच्च या मूल त्रिकोण राशिस्थ केंद्र भाव में स्थिति से “शश योग” होता है। यह योग सप्तम भाव या दशम भाव में होता है तो व्यक्ति विपुल धन-संपत्ति का स्वामी होता है। व्यवसाय और नौकरी कि कला के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त करता है। यह समुदाय का मुखिया जैसे उच्च पद को प्राप्त करता है।