kundli mein kaal sarp dosh

कुंडली में काल सर्प दोष – दूसरा दिन – Day 2 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kundli mein kaal sarp dosh – Doosara Din

कुंडली में कालसर्प योग के बारें में भी ज्योतिष बेहद ध्यान देते हैं। कालसर्प तब होता है जब राहु-केतु के मध्य सातों ग्रह हो। सरल शब्दों में जब जातक की कुंडली में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि राहु और केतु के बीच आ जाए तब ‘कालसर्प योग’ निर्मित होता है।

काल सर्प दोष के लक्षण : इस दोष की वजह से संतान उत्पत्ति में बाधा, निराशा, अवसाद, असफलता आदि का सामना करना पड़ता है।

काल सर्प योग से बचने के उपाय: काल सर्प योग से निवारण हेतु सबसे बेहतर उपाय नागों की पूजा और नाग पंचमी के दिन दान और सांप को दूध पिलाना बताया गया है।

* साथ ही चन्द्र ग्रहण के दिन बहते जल में चांदी के सर्पों को बहाने से भी काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

* इसके अलावा भगवान शिव को सांपो का देवता माना जाता है इसलिए जितना हो सके “ओम नम: शिवाय” और महामृत्युंजय मंत्र का सुबह-शाम का जाप करना चाहिए और शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।

कुंडली में काल सर्प दोष – kundli mein kaal sarp dosh – दूसरा दिन – Day 2 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Doosara Din

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