दूसरे व आठवें भाव में राहु-केतु का योग होने पर राहु अशुभ हो तो कुटुम्ब में झगङा होगा, खर्चा होगा, स्थिर धन को नष्ट करेगा। इस योग में कुटुम्ब का कोई पुर्वज प्रेत योनि या सर्प योनि में गया होगा।
उपाय : इस योग में गोमेद नग ना पहनें, शुक्रवार जण्डी के पेड़ पर जल चढ़ाए या शीतला माता की पूजा करे।