gajakesharee yog - aapakee kundalee mein shubh yog

गजकेसरी योग – आपकी कुंडली में शुभ योगगजकेशरी योग – आपकी कुंडली में शुभ योग – सत्रहवाँ दिन – Day 17 – 21 Din me kundli padhna sikhe – gajakesharee yog – aapakee kundalee mein shubh yog – Satrahavaan Din

गजकेशरी योग को असाधारण योग की श्रेणी में रखा गया है। यह योग जिस व्यक्ति की कुण्डली में उपस्थित होता है उस व्यक्ति को जीवन में कभी भी अभाव नहीं खटकता है। इस योग के साथ जन्म लेने वाले व्यक्ति की ओर धन, यश, कीर्ति स्वत: खींची चली आती है। जब कुण्डली में गुरू और चन्द्र पूर्ण कारक प्रभाव के साथ होते हैं तब यह योग बनता है। लग्न स्थान में कर्क, धनु, मीन, मेष या वृश्चिक हो तब यह कारक प्रभाव के साथ माना जाता है। हलांकि अकारक होने पर भी फलदायी माना जाता परंतु यह मध्यम दर्जे का होता है। चन्द्रमा से केन्द्र स्थान में 1, 4, 7, 10 बृहस्पति होने से गजकेशरी योग बनता है। इसके अलावा अगर चन्द्रमा के साथ बृहस्पति हो तब भी यह योग बनता है।

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