ज्योतिष के अनुसार, जिसकी कुंडली में इस दोष की छाया रहती है उस राशि के व्यक्ति का जीवन या तो अतिनिर्धनता अथवा धनाढ्य अवस्था से होकर गुजरता है। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य, चंद्रमा और गुरु के साथ राहू हो तो कालसर्प दोष होता है। कालसर्प दोष के कुल 12 प्रकार होते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष पाया जाता है उसके जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं। जैसे दुर्घटना, चोट आदि लगना, अक्सर बीमार होना, पढ़ाई में बाधा आना, जीवन पर संकट आना। इसके अलावा विवाह के बाद तनाव और तलाक की स्थिति उत्पन्न होना, प्रगति में लगातार बाधा आना, परिजनों से धोखा मिलना, अत्यधिक मानसिक तनाव होना भी इस दोष के लक्षण होते हैं।
हर सोमवार को शिवजी की पूजा करें और उन्हें गाय का दूध चढ़ाएं।
हर संक्रांति को गंगाजल और गौमूत्र का घर में छिड़काव करें।
हर रोज कुत्ते को रोटी जरूर दें। खासतौर से शनिवार को रोटी देना शुभ होता है।
भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाने से भी कालसर्प दोष का निवारण होता है। यहां भरेगा मेला नाग पंचमी पर चांदपोल, जोबनेर बाग स्थित हरदेव बाबा के मंदिर में मेला भरेगा।