1. मोती चंद्र ग्रह का रत्न है।
2. मोती को सोमवार प्रातः अथवा संध्या के समय चांदी से बनी अंगूठी को कनिष्ठा में धारण करने से लाभ होता है।
3. मोती शुक्ल पक्ष में रोहिणी, हस्त, श्रवण नक्षत्रों में धारण करना चाहिए।
4. मोती 4.25 रत्ती भार का ही धारण करना चाहिए।
5. गोलाकार मोती उत्तम प्रकार का होता है।
6. गोलाकार मोती, जिसमें सूक्ष्म श्याम रंग का चिह्न हो, उसको धारण करने से विदेश यात्रा का योग बनता है।
7. गोलाकार पीलास रंग का मोती हो, तो ऐसा मोती धारण करने वाला व्यक्ति विद्वान होता है।
8. गोलाकार मोती, जिसका रंग हल्की ललास मारता हो, उसे धारण करने से मंगल ग्रह का उपद्रव शांत होता है।
9. सफेद तेजस्वी रंग के गोलाकार मोती पर हरे रंग के कमल के फूल के आकार का सूक्ष्म चिह्न हो तो उसे धारण करने से राज्य की ओर से लक्ष्मी प्राप्त होती है। इसी प्रकार ऐसे ही अन्य मोती पर श्याम रंग का मुद्गल के आकार का सूक्ष्म चिह्न हो तो बलिष्ठ संतान की प्राप्ति होती है। ऐसे मोती पर सफेद रंग का पद्मकोष के आकार का सूक्ष्म चिह्न हो तो उसे धारण करने से बहुत लक्ष्मी प्राप्त होती है ऐसे मोती पर हरे रंग का चामर के आकार का सूक्ष्म चिह्न हो तो उसे धारण करने से राज्य की ओर से पदवी तथा बहुत धन मिलता है।
10. यदि एक ओर अणीदार तथा दूसरी ओर से चपटा मोती हो और उसका रंग आकाश के रंग की तरह हो तो ऐसा मोती धारण करने से धन में वृद्धि होती है।
11. यदि एक ओर अणीदार तथा नीचे से गोल आकार का मोती हो और उसका रंग तेज सफेद हो तो ऐसा मोती धारण करने से बंध्यत्व का नाश होता है।
12. मोती आकार में लंबा तथा गोल हो एवं उसके मध्य भाग में आकाश के रंग जैसा वलयाकार, अर्द्ध चंद्राकार चिह्न हो, तो ऐसा मोती धारण करने से उत्तम पुत्र की प्राप्ति होती है।
13. गोल लंबा आकार का मोती, जिसका रंग तेजस्वी सफेद तथा उसमें लाल रंग के ध्वज के आकार का सूक्ष्म चिह्न हो, ऐसा मोती धारण करने से राज्य की ओर से लक्ष्मी का लाभ प्राप्त होता है।
महत्वपूर्ण बात एक बात अवश्य ध्यान में रखें कि मोती के साथ गोमेद कभी धारण नहीं करना चाहिए।