► दुकान/फैक्ट्री/कार्यस्थल की बाधाओं के लक्षण
किसी दुकान या फैक्ट्री के मालिक का दुकान या फैक्ट्री में मन नहीं लगना।
ग्राहकों की संख्या में कमी आना।
आए हुए ग्राहकों से मालिक का अनावश्यक तर्क-वितर्क-कुतर्क और कलह करना।
श्रमिकों व मशीनरी से संबंधित परेशानियां।
मालिक को दुकान में अनावश्यक शारीरिक व मानसिक भारीपन रहना।
दुकान या फैक्ट्री जाने की इच्छा न करना।
तालेबंदी की नौबत आना।
दुकान ही मालिक को खाने लगे और अंत में दुकान बेचने पर भी नहीं बिके।
► कार्यालय बंधन के लक्षण
कार्यालय बराबर नहीं जाना।
साथियों से अनावश्यक तकरार।
कार्यालय में मन नहीं लगना।
कार्यालय और घर के रास्ते में शरीर में भारीपन व दर्द की शिकायत होना।
कार्यालय में बिना गलती के भी अपमानित होना।
► घर-परिवार में बाधा के लक्षण
परिवार में अशांति और कलह।
बनते काम का ऐन वक्त पर बिगड़ना।
आर्थिक परेशानियां।
योग्य और होनहार बच्चों के रिश्तों में अनावश्यक अड़चन।
विषय विशेष पर परिवार के सदस्यों का एकमत न होकर अन्य मुद्दों पर कुतर्क करके आपस में कलह कर विषय से भटक जाना।
परिवार का कोई न कोई सदस्य शारीरिक दर्द, अवसाद, चिड़चिड़ेपन एवं निराशा का शिकार रहता हो।
घर के मुख्य द्वार पर अनावश्यक गंदगी रहना।
इष्ट की अगरबत्तियां बीच में ही बुझ जाना।
भरपूर घी, तेल, बत्ती रहने के बाद भी इष्ट का दीपक बुझना या खंडित होना।
पूजा या खाने के समय घर में कलह की स्थिति बनना।
► व्यक्ति विशेष का बंधन
हर कार्य में विफलता।
हर कदम पर अपमान।
दिल और दिमाग का काम नहीं करना।
घर में रहे तो बाहर की और बाहर रहे तो घर की सोचना।
शरीर में दर्द होना और दर्द खत्म होने के बाद गला सूखना।
हमें मानना होगा कि भगवान दयालु है। हम सोते हैं पर हमारा भगवान जागता