कर्क लग्न
में नक्षत्र स्वामी केतु की नवम पंचम तृतीय द्वितीय भाव में व राशि स्वामी गुरु की स्थिति नवम लग्न पंचम तृतीय द्वितीय भाव में हो तो ऐसा जातक भाग्यवान, विद्या, संतान से उत्तम प्रभावशील, प्रत्येक क्षेत्र में उत्तम सफलता पाने वाला होगा।
kark lagna moola nakshatra – कर्क लग्न मूल नक्षत्र – कर्क लग्न मूल नक्षत्र – Feel the original constellation Cancer