उत्तर: किशन दा दिल्ली में रहते थे, यशोधर बाबू जब दिल्ली आये तो शहरी जीवन से अपरिचित थे, किशन दा नेउन्हें आश्रय दिया तथा नौकरी दिलवाई तथा शिक्षा में भी सहायता की, किशन दा नेयशोधर बाबू को अधीनस्थ केप्रति व्यवहार, भारतीय मूल्यों में विश्वास, साधारण रहनµसहन, दौलत के प्रति अनासक्ति जैसे जीवन जीने की कला सिखाई। यशोधर बाबू को यह जीवन मूल्य किशन दा ने अपने उत्तरधिकारी के रूप में प्रदान किए थे।
यशोधर बाबू ने भी उनके द्वारा प्राप्त जीवन मूल्यों को अपने जीवन में उतारा। उनके बताए तौर-तरीकों को अपनाया और उनकी हर सलाह का सर्वदय से सम्मान किया। रूढ़िवादी विचारधारा के होनेपर भी उन्होंने अपने बच्चों को स्वतन्त्रता प्रदान की है और उनकी पत्नी पाश्चात्य संस्ड्डति सेप्रभावित हैं। मैं यशोधर बाबू के भारतीय मूल्यों में विश्वास, जीवन-जीने की कला अपनाना चाहूँगा/चाहूँगी, परंतु साथ ही अपनी मानसिकता को भी संकीर्ण होने से बचानेका प्रयास करूँगा/करूँगी जिस से मुझे कैसी भी और किसी भी परिस्थिति में यशोधर बाबू के समान समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा अपितु उनके साथ ताल-मेल बैठाने में आसानी रहेगी।