ati pracheen hai sammohan kala

अतिप्राचीन है सम्मोहन कला – इन्द्रजाल में कैसे करें वशीकरण – ati pracheen hai sammohan kala – indrajaal mein kaise karen vashikaran

आज हम सम्मोहन, वशीकरण जैसे शब्दों को सुनकर किसी जादु की अनुभूति करते हैं। सम्मोहन एक विद्या है। जिसे जागृत करना

सामान्यत: आज के मानव के अति दुष्कर कार्य है। सम्मोहन विद्या का इतिहास आज या सौ-दो सौ साल पुराना नहीं बल्कि सम्मोहन

प्राचीन काल से चला रहा है। श्रीराम और श्रीकृष्ण में सम्मोहन की विद्या जन्म से ही थी। वे जिसे देख लेते या कोई उन्हें देख लेता वह

बस उनकी माया में खो जाता था। यहां हम बात करेंगे श्रीकृष्ण के सम्मोहन की। श्रीकृष्ण का एक नाम मोहन भी है। मोहन अर्थात

सभी को मोहने वाला। श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व और सुंदरता सभी का मन मोह लिया करती है। जिन श्रीकृष्ण की प्रतिमाएं इतनी सुंदर है वे खुद कितने सुंदर होंगे। श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में सम्मोहन की कई लीलाएं की हैं। उनकी मधुर मुस्कान और सुंदर रूप को

देखकर गोकुल की गोपियां अपने आप को रोक नहीं पाती थी और उनके मोहवश सब कुछ भुलकर बस उनका संग पाने को लालायित हो जाती थी। श्रीकृष्ण ने माता यशोदा को भी अपने मुंह में पुरा ब्रह्मांड दिखाकर उस पल को उनकी याददाश्त से भुला दिया बस यही

है सम्मोहन। श्रीकृष्ण जिसे जो दिखाना, समझाना और सुनाना चाहते हो वह इसी सम्मोहन के वश बस वैसा ही करता है जैसा श्रीकृष्ण चाहते हैं। ऐसी कई घटनाएं उनके जीवन से जुड़ी हैं जिनमें श्रीकृष्ण के सम्मोहन की झलक है।

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