जिस स्थान पर होली जलाई जाती रही हो, वहां पर होली जलने से एक दिन पहले की रात्री में एक मटकी में गाय का घी, तिल का तेल, गेहूं और ज्वार तथा एक ताम्बे का पैसा रखकर मटकी का मुंह बंद करके गाड़ आएं। रात्रि में जब होली जल जाए, तब दूसरे दिन सुबह उसे उखाड़ लाएं। फिर इन सब वस्तुओं को पोटली में बांधकर जिस वास्तु में रख दिया जाएगा, वह वास्तु व्यय करने पर भी उसमें निरंतर वृद्धि होती रहेगी, और आपके भंडार भरे हुए रहेंगे।