दिन- सोमवार
श्वेत कनेर के पुष्प को पार्वती मंत्र से सिद्ध करके शिवजी पर चढ़ाने से शिवजी प्रसन्न होती हैं और आयु बढ़ती है |
श्वेत कनेर के पुष्प को पार्वती मंत्र से सिद्ध करके प्रतिदिन 10 की संख्या में पानी में बहाने से सभी मनोकामना पूर्ण होता है |
श्वेत कनेर की जड़ को घिसकर गाय के घी और सिन्दूर के साथ तिलक लगाने पर (8 घण्टे घोटें) देवी प्रसन्न होती है और वशीकरण होता है |
श्वेत कनेर की कलम और काले धतूरे के रस में गोरोचन मिलाकर 108 भोजपत्र पर किसी भी व्यक्ति का नाम लिखकर, अनार की लकड़ी जलाकर गौरी मंत्र (पार्वती) पढ़ते हुए आग में एक-एक करके जलाने पर विदेश में रहने वाला व्यक्ति, जो रूठकर गया हो, वापस आ जाता है |
लाल कनेर के 108 फूल दुर्गाजी की प्रतिमा, पिण्डी या तस्वीर पर पूर्ण एकाग्रता से एक-एक करके दुर्गा मंत्र पढ़कर चढ़ाने पर जो भी मनोकामना होती है, वह पूर्ण होती है |
लाल कनेर की जड़ को 108 मन्त्रों से सिद्ध करके बांह में बांधने से (दायीं पुरुष, बायीं स्त्री) दुर्गाजी की कृपा से सभी बिगड़े काम बनते है |
लाल कनेर जड़ को 108 मन्त्रों से सिद्ध करके कमर में बांधने से काम की शक्ति में वृद्धि होती है |
लाल कनेर की 7 अंगुल की जड़ मृगशिरा नक्षत्र में लाकर किसी भी व्यक्ति के नाम पर 108 मन्त्रों से सिद्ध करके अनार की जड़ में धरती पर कीलने से प्रेमी या प्रेमिका पर वशीकरण होता है |
काले कनेर की जड़ को 108 भैरव मंत्र से सिद्ध करके
गले में ताबीज बांधने से हृदय विकार दूर होते हैं |
कमर में बांधने से कमर दर्द और नपुंसकता या बन्ध्यापन दूर होता है |
घिसकर कुम्हार के चाक की मिट्टी के साथ 108 मन्त्रों से अभिमंत्रित करके नाभि, पेट और कमर पर लेप करने से बन्ध्या भी पुत्रवती होती है |
पानी में घिसकर गोरोचन और रक्तचन्दन मिलाकर तिलक करने से दृष्टि मिलाते ही प्रेमी या प्रेमिका या किसी स्त्री-पुरुष पर वशीकरण होता है |
गले में बांधने से या बांह में बांधने से भूत-प्रेत बाधा दूर होती है |
काले कनेर के पुष्प को चिता की अग्नि या सैर की लकड़ी की आग में मंत्र पढ़ते हुए एक-एक करके डालने पर (भैरव मंत्र) किसी व्यक्ति की छवि मानस में एकाग्र करके उसके लिए मृत्यु की कामना करके डालें, तो वह व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त होता है | उस व्यक्ति के बाल मिल जाये, तो और भी शक्ति से कार्य होता है