‘ऊँ नमो महायक्षिण्ये मम पतिं में वश्यं कुरु कुरु स्वाहा’
उपर्युक्त मंत्र का शुभ मुहूर्त में 10 माला जप एवं दशांश हवन, तर्पण, मार्जन करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। हवन केवल गोघृत से करना चाहिए। सिद्धि के बाद किसी भी प्रकार के मीठे पदार्थ को इस मंत्र से सात बार अभिमंत्रित करके 21 दिन लगातार खिलाने से पति वश में हो जाता है। इस मंत्र प्रयोग एवं क्रिया को गोपनीय रखने एवं केवल पति अनुकूलता की कामना करने पर ही पूर्ण फल प्राप्ति होती है।
हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणि! कांत कांतां सुदुर्लभाम्।।
इस मंत्र का प्रतिदिन पांच माला जप 21 दिन तक करने से पति की अनुकूलता प्राप्त होती है। जप से पूर्व श्री गणेश एवं श्री दुर्गा का पूजन करना आवश्यक है।
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
इस मंत्र का रक्त चंदन की माला पर जप करने से सौभाग्य वृद्धि होती है और पति का ध्यान किसी अन्य स्त्री पर आसक्त नहीं होता।
बगलामुखी मंत्र के जप पश्चात् पीली सरसों से हवन करने से अभीष्ट का वशीकरण होता है।
वशीकरण-मोहन आकर्षण आदि के प्रयोग:
• पांच प्रकार के फलों का रस निकालकर तिलक लगाने से सब लोग मोहित होते हैं।
• किसी व्यक्ति विशेष को वश में करने के लिए ‘हमजाद’ के ऊपर उस व्यक्ति का नाम अष्टगंध की स्याही से लिखें और इसके सम्मुख बैठकर निम्न मंत्र का 11 मंत्र माला जप करें तो अभीष्ट व्यक्ति का वशीकरण होता है।
ऊँ सम्मोहय वशमानय शं ऊँ फट्।’’
• मंत्र समाप्ति पर हमजाद को तेल के जलते दीपक के साथ किसी चैराहे पर छोड़ दें। इस प्रयोग को किसी भी शुक्रवार को शुभ नक्षत्रादि में करें। अवश्य सफलता मिलेगी।
• रोली, कपूर, चंदन तथा गोरोचन समान मात्रा में मिलाकर गंगाजल में घोंटकर तिलक लगाने से देखने वाले व्यक्ति वशीभूत होते हैं।
• पुष्य नक्षत्र में चमेली की जड़ जिस व्यक्ति का ध्यान करके बांधी जाए उस व्यक्ति का वशीकरण होता है।
• मां अपने बच्चे को अपनी मांग के सिंदूर का तिलक लगाएं तो बच्चा मां की आज्ञा मानेगा व साथ-साथ मां बच्चे के प्यार में वृद्धि होगी।
• चंदन तथा बदगद की जड़ को सम मात्रा में लेकर शुद्ध जल के साथ पीस लें और इसमें भस्म मिलाकर तिलक लगाएं तो देखने वाले व्यक्ति वशीभूत होते हैं।
• एक चांदी की थाली में सवा सौ ग्राम साबुत चावल रखकर मोती शंख स्थापित करें और प्रतिदिन इसका पूजन गंध, अक्षत, पुष्पादि से करें। एक महीने पश्चात् मोती शंख को चावल सहित किसी सफेद कपड़े में बांधकर किसी गुप्त स्थान पर रख दें तो पति-पत्नी का वशीकरण होता है। प्रतिदिन पूजन से पहले पति-पत्नी वशीकरण का संकल्प करना आवश्यक है।
• शनिवार की रात्रि में 7 लौंग लेकर उस पर 21 बार जिस व्यक्ति को वश में करना हो उसका नाम लेकर फूंक मारें और अगले रविवार को इनको आग में जला दें। यह प्रयोग लगातार 7 बार करने से अभीष्ट व्यक्ति का वशीकरण होता है।
• अगर आपके पति किसी अन्य स्त्री पर आसक्त हैं और आप से लड़ाई-झगड़ा इत्यादि करते हैं। तो यह प्रयोग आपके लिए बहुत कारगर है, प्रत्येक रविवार को अपने घर तथा शयनकक्ष में गूगल की धूनी दें। धूनी करने से पहले उस स्त्री का नाम लें और यह कामना करें कि आपके पति उसके चक्कर से शीघ्र ही छूट जाएं। श्रद्धा-विश्वास के साथ करने से निश्चिय ही आपको लाभ मिलेगा।
• शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को प्रातःकाल स्नानादि से निवृŸा होकर अपने पूजन स्थल पर आएं। एक थाली में केसर से स्वस्तिक बनाकर गंगाजल से धुला हुआ मोती शंख स्थापित करें और गंध, अक्षत पुष्पादि से इसका पूजन करें। पूजन के समय गोघृत का दीपक जलाएं और निम्नलिखित मंत्र का 1 माला जप स्फटिक की माला पर करें। श्रद्धा-विश्वास पूर्वक 1 महीने जप करने से किसी भी व्यक्ति विशेष का मोहन-वशीकरण एवं आकर्षण होता है। जिस व्यक्ति का नाम, ध्यान करते हुए जप किया जाए वह व्यक्ति साधक का हर प्रकार से मंगल करता है। यह प्रयोग निश्चय ही कारगर सिद्ध होता है।
‘‘ऊँ क्रीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा।’’
जिन स्त्रियों के पति किसी अन्य स्त्री के मोहजाल में फंस गये हों या आपस में प्रेम नहीं रखते हों, लड़ाई-झगड़ा करते हों तो इस टोटके द्वारा पति को अनुकूल बनाया जा सकता है।
गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात्रि में 12 बजे पति की चोटी (शिखा) के कुछ बाल काट लें और उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पति की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पति की बुद्धि का सुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेंगे। कुछ दिन बाद इन बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकर बाहर फेंक दें। मासिक धर्म के समय करने से अधिक कारगर सिद्ध होगा।
वशीकरण मंत्र:
हरे पान चिकनी सुपारी श्वेत चूना निधि मोहिले। पान हाथ में लेय पेय पेठ-पेठ रस। लेय श्री नृसिंह वीर तुम्हारी शक्ति। मेरी भक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
प्रयोग विधि: इस मंत्र को पान के पŸो पर चूने से लिखकर पान चबाएं और मंत्र का उच्चारण करते रहें तो देखने वाला व्यक्ति वशीभूत होता है।
वशीकरण पान: निम्न मंत्र द्वारा अभिमंत्रित पान खिलाने से संबंधित स्त्री या पुरुष का वशीकरण होता है। पहला पान खाने से वह आपका मित्र बन जाता है। दूसरा पान खाने में आपकी बात मानने लगेगा तथा तीसरा पान खाकर वह पूरी तरह से आपके वश में हो जाएगा।
मंत्र: श्री राम नाम खेलो अकन कबीरी। सुनिये नारी बात हमारी। एक पान संग मंगाय। एक पान सेज सौं लावैं मक पान मुख बुलावै। हमको छोड़ और को देखें तो तेरा कलेजा मुहम्मद वीर चरखें।
सर्वजन वशीकरण मंत्र:
ऊँ नमोः आदेश गुरु का राजमोह का प्रजामोह मोह ब्राह्मण बनियां हनुमंत ब्राह्मण बनियां गुरु की शक्ति, मेरी भक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
प्रयोग विधि: किसी भी मंगलवार या शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में गोघृत का दीपक जलाकर 108 मंत्रों का जप करें। दीपक की लौ में श्री बजरंग बली का ध्यान करते हुए वन कटेली की जड़ को पीसकर उपर्युक्त मंत्र से अभिमंत्रित करके तिलक लगाएं तो देखने वाले सभी लोग वशीभूत होते हैं।