mangalkot pitra dosh nivaran

मंगलकृत पितृदोष निवारण – किया कराया, जादू टोना – mangalakrt pitrdosh nivaaran – jadu tona kiya karaya ke upay

1. शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार के दिन घर में मंगल यंत्र पूर्ण विधि विधान से स्थापित करें । जब घर के बाहर जाएं तो यंत्र दर्शन अवश्य करके जाएं।
2. नित्य प्रातःकाल उगते हुए सूर्य को अघ्र्य दें।
3. निम्य एक माला जप निम्न मंत्र का करें। ऊं अंगारकाय विद्महे, शक्तिहस्ताय, धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात्।।
4. शुक्लपक्ष के प्रथम मंगलवार से आरंभ करके 11 मंगलवार व्रत करें। हनुमान जी व शिवजी की उपासना करें। जमीन पर सोएं।
5. मंगलवार के दिन 5 रत्ती से अधिक वनज का मूंगा सोने या तांबे में विधि विधान से धारण करें।
6. तीनमुखी रूद्राख धारण करें तथा नित्य प्रातःकाल द्वादश ज्योतिर्लिंगों के नामों का स्मरण करें।
7. बहनों का भूलकर भी अपमान न करें।
8. लालमुख वाले बंदरों को गुड़ व चना खिलाएं।
9. जब भी अवसर मिले रक्तदान अवश्य करें।
10. 100 ग्राम मसूर की दाल जल में प्रवाहित कर दें।
11. सुअर को मसूर की दाल व मछलियों को आटे की गोलियां खिलाया करें।

विशेष:- हो सकता है कि कुंडली में सूर्य व मंगलकृत दोनों ही पितृदोष हो। यह स्थिति अत्यंत घातक हो सकती है। यदि ऐसी स्थिति है तो जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सूर्य मंगल राहु की युति विशेष रूप से कष्टकारी हो सकती है। अतः अनिष्टकारी प्रभावों से बचने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए।
1. शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार को सांय काल पानी वाला नारियल अपने ऊपर से 7 बार उतार कर तीव्र प्रवाह वाले जल में प्रवाहित कर दें तथा पितरों से आशीर्वाद का निवेदन करें।
2. अष्टमुखी रूद्राक्ष धारण करें। घर में 21 मोर के पंख अवश्य रखें तथा शिवलिंग पर जलमिश्रित दूध अर्पित करें। प्रयोग अनुभूत है अवश्य लाभ मिलेगा।
3. जब राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो कंबल का प्रयोग कतई न करें।
4. सफाईकर्मी को दान दक्षिणा दे दिया करें।
उपरोक्त प्रयोग पूर्ण श्रद्धा लगन व विश्वास के साथ करने पर पितृदोष के दुष्प्रभावों का शमन होता है।

भूतप्रेत निवारण के लिए हनुमानजी की भक्ति श्रीराम भक्त हनुमान को केसरीनन्दन पवनसुत अंजनीपुत्र आदि नामों से पुकारा जाता है। हनुमान जी आठ तरह की सिद्धियों और नौ तरह की निधियों के दाता हैं। हनुमान जी के प्रत्येक पाठ इतने चमत्कारी हैं कि उनके मात्र एक बार स्मरण से ही व्यक्ति मुसीबत से पार हो जाता है। चाहे वह चालीसा हो सुन्दरकांड हो कवच हो या स्तोत्र हो इनमें से किसी का भी पाठ कर लेने से बाधाओं में धंसा हुआ व्यक्ति जैसे तुरंत ही भवसागर तर जाता है।

प्रत्येक मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान मंदिर पर भक्तों का आकर्षण इस बात का परिचायक है कि प्रभु श्री राम के साथ हनुमान भी सभी के हृदय में विराजे हैं।

किसी भी प्रकार की बाधा हो चाहे व्यक्ति आर्थिक संकट से ग्रस्त हो या भूतपिशाच जैसे ऊपरी बाधाओं से परेशान तथा मारण सम्मोहन उच्चाटन आदि से ग्रस्त व्यक्ति को हनुमान आराधना से बहुत ही अच्छा लाभ मिलता है। यदि कोर्ट कचहरी लड़ाई मुकदमों से ग्रस्त व्यक्ति भी हनुमान जी की शरण में आएं तो उसे लाभ अवश्य मिलता है।

मंगलकृत पितृदोष निवारण – mangalkot pitra dosh nivaran – किया कराया, जादू टोना

 

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