chhote-chhote upaay har ghar mein log jaanate hain

छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं – लाल किताब के रामबाण उपाय – chhote-chhote upaay har ghar mein log jaanate hain – lal kitab ke ramban upay

मनोकामना की पूर्ती हेतु

* होली के दिन से शुरू करके प्रतिदिन हनुमान जी को पांच पुष्प चढाएं, मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी।
* होली की प्रातः बेलपत्र पर सफ़ेद चन्दन की बिंदी लगाकर अपनी मनोकामना बोलते हुए शिवलिंग पर सच्चे मन से अर्पित करें। बाद में सोमवार को किसी मन्दिर में भोलेनाथ को पंचमेवा की खीर अवश्य चढाएं, मनोकामना पूरी होगी।

रोजगार प्राप्ति हेतु

होली की रात्री बारह बजे से पूर्व एक दाग रहित बड़ा नीबू लेकर चौराहे पर जाएं और उसकी चार फांक चारों कोनों में फेंक दें। फिर वापिस घर जाएं किन्तु ध्यान रहे, वापिस जाते समय पीछे मुड़कर न देखें। उपाय श्रद्धापूर्वक करें, शीघ्र ही बुरे दिन दूर होंगे व रोजगार प्राप्त होगा।

स्वास्थ्य लाभ हेतु

मृत्यु तुल्य कष्ट से ग्रस्त रोगी को छुटकारा दिलाने के लिये जौ के आटे में तिल एवं सरसों का तेल मिला कर मोटी रोटी बनाएं और उसे रोगी के ऊपर से सात बार उतारकर भैंस को खिला दें। यह क्रिया करते समय ईश्वर से रोगी को शीघ्र स्वस्थ करने की प्रार्थना करते रहें।

व्यापार लाभ के लिये

होली के दिन गुलाल के एक खुले पैकेट में एक मोती शंख और चांदी का एक सिक्का रखकर उसे नए लाल कपडे में लाल मौली से बांधकर तिजोरी में रखें, व्यवसाय में लाभ होगा।
होली के अवसर पर एक एकाक्षी नारियल की पूजा करके लाल कपडे में लपेट कर दुकान में या व्यापार पर स्थापित करें। साथ ही स्फटिक का शुद्ध श्रीयंत्र रखें. उपाय निष्ठापूर्वक करें, लाभ में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि होगी।

धनहानी से बचाव के लिये

होली के दिन मुख्य द्वार पर गुलाल छिडकें और उस पर द्विमुखी दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय धनहानि से बचाव की कामना करें। जब दीपक बुझ जाए तो उसे होली की अग्नि में डाल दें। यह क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, धन हानि से बचाव होगा।

कार्य सफलता के लिए

किसी भी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर निकलने से पूर्व दही में गुड़ या चीनी मिलाकर सेवन करके बाहर निकलने से कार्य में सफलता मिलती है। साथ ही घर से बाहर निकलते समय अपने पास कुछ धन राशि रख दें इस धन राशि से किसी जरूरत मंद व्यक्ति को खाने की चींज देकर निकल जाएं कार्य सफलता मिल जाएगी।

यदि जातक के अपने कर्म ठीक है, कार्य व्यवसाय में वह ईमानदारी से परिश्रम करता हो, उसके बावजूद भी कार्य में सफलता नहीं मिल रही हो अथवा घर में शांति नहीं हो तो इस प्रयोग से अवश्य शांति मिलेगी। प्रतिदिन स्नान के जल में एक आम का पत्ता, एक पीपल का पत्ता, दुर्वा-11, तुलसी का एक पत्ता और एक बिल्व पत्र डालकर मृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए स्नान करें तो सभी प्रकार के ग्रह पीड़ा व कष्टों से मुक्ति मिलेगी। मंत्र इस प्रकार है।-

ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनं ऊर्व्वारुकमिव वंधनान्मृत्योर्मुक्षीय मां मृतात्।

भगवान दत्तात्रोय को ब्रह्मा-विष्णु-महेष की शक्तियों का संयोग कहा जाता है। अत: दत्ताात्रोय जी की साधना गूलर के पेड़ के नीचे बैठकर करने से शीघ्र फलदायी होती है। उत्तार पूर्व की ओर मुख करके ‘ओम द्रां दत्तात्रोय नम:’ मंत्रों का 21 दिन निरंतर 21 माला जप करने से बहुत लाभ मिलता है। पूजा में श्वेत चंदन, पुष्प और केवड़े के इत्रा का प्रयोग करना चाहिए।

अक्षय तृतीया या किसी भी शुक्रवार की रात्रि को कांसे या पीतल की थाली में काजल लगाकर काली कर दें और फिर चांदी की शलाका से लक्ष्मी का चित्र बनाएं चाहे वह कैसा भी बने, फिर चित्र के ऊपर ऐष्वर्य लक्ष्मी यंत्र स्थापित कर दें और एक निष्ठ होकर, मात्र एक सफेद धोती ही पहनकर, उत्तार दिषा की ओर मुंह कर, सामने गेहूं के आटे के चार दीपक बनाए और उसमें किसी भी प्रकार का तेल भरकर प्रज्जवलित करें और थाली के चारों कोनों पर रखे मूंगों की माला से निम्न मंत्र का एक रात्रि में 51 माला मंत्र जप करें। ओउम्ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं फट्॥ जब मंत्र पूरा हो जाए तो रात्रि में वहीं विश्राम करें और जमीन पर ही सो जाएं।

अगर आप कर्ज से परेषान है तो सफेद रुमाल लें। पांच गुलाब के फूल, एक चांदी का पत्ता, थोड़े से चावल, गुड़ लें। मंदिर में जाकर रुमाल को रखकर इन चीजों को हाथ में ले लें और 21 बार गायत्री मंत्र का पाठ करें। इनको इकठ्ठा कर कहें मेरी परेषानी दूर हो जाएं तथा मेरा कर्जा उतर जाए। फिर इन सबको ले जाकर बहते जल में प्रवाह कर दें। यह प्रक्रिया सोमवार को करनी चाहिए। अगर इसे विष्णु-लक्ष्मी की मूर्ति के सामने किया जाए तो और भी अच्छा होता है। इसे कम से कम 7 सोमवार करना चाहिए।

बचत के लिये

आप अनावश्यक खर्चें से परेशान है, आपके हाथ से न चाहते हुये भी खर्चा अधिक हो जाता हो तो यह प्रयोग आपके लिये बहुत ही लाभदायक रहेगा। किसी भी माह के पहले सोमवार को 11 गोमती चक्र, 11 कौड़ी, 11 लौंग लें। पीलेवस्त्र में रख कर अपने पूजा स्थान में रख दें। श्रद्धापूर्वक पंचोपचार पूजन करें। धूप, दीप, नैवेद्य, फूल, अक्षत अर्पित करें। तत्पश्चात ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्धलक्ष्मयै: नम:। 11 माला जाप करें। ऐसा 7 दिन नियमित रूप से पूजन और जाप करें। पुन: दूसरे सोमवार को श्रद्धापूर्वक पूजन और जाप के उपरांत उसमें से 4 गोमती चक्र, 4 कौड़ी, 4 लौंग घर के चारों कोनों में गड्डा खोदर कर डाल दें। शेष बचें 5 गोमती चक्र, 5 कौड़ी, 5 लौंग को लाल वस्त्र में बांधकर अपनी तिजारी में रख दें। और दो गोमती चक्र, दो कौड़ी और दो लोंग को श्रद्धापूर्वक किसी भी भगवान के मंदिर में अर्पित कर दें। मनोवांछित सफलता प्राप्त होगी।

आर्थिक सम्पनता के लिये

आप चाहते है कि आपकी आर्थिक संपंता स्थिर रहें के लिए उचित परिश्रम का लाभ प्रान्त हो, किसी भी माह के प्रथम शुक्ल पक्ष को यह प्रयोग आरंभ करें और नियमित 3 शुक्रवार को यह उपाय करें। प्रत्येक दिन नित्यक्रम से निवृत्त होकर स्नानोंपरांत अपने घर में अपने पूजा स्थान में घी का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी को मिश्री और खीर का भोग लगायें। तत्पश्चात 11 वर्ष की आयु से कम की कन्याओं को श्रद्धापूर्वक भोजन करायें। भोजन में खीर और मिश्री जरूर खिलायें। भोजन के उपरांत श्रद्धानुसार लाल वस्त्र भेंट करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की अवश्य कृपा होगी।

छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं – chhote-chhote upay har ghar mein log jaate hain – लाल किताब के रामबाण उपाय

 

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