केतु की अनुकूलता के लिए मंगल, शनि व सोम का व्रत करें। ध्यान के लिए इस मंत्र का जप करें।
ऊँ केतुं कृण्वन्न केतवे पेशो मर्या अपनयशसे। समुषद्भिरजायथाः।। ऊँ केतवे नमः ।।
बीज मंत्र – ऊँ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।
केतु की अनुकूलता के लिए मंगल, शनि व सोम का व्रत करें। ध्यान के लिए इस मंत्र का जप करें।
ऊँ केतुं कृण्वन्न केतवे पेशो मर्या अपनयशसे। समुषद्भिरजायथाः।। ऊँ केतवे नमः ।।
बीज मंत्र – ऊँ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।