मन्त्र:— ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नम:।
लकवा, पेट की बीमारियाँ, गठिया, वायु विकार, सिर दर्द, ह्रदय रोग, कैंसर, पैरों का फ्रैक्चर, व्यसन इत्यादि।शारीरिक कमजोरी, दर्द, पेट दर्द, घुटनों या पैरों में होने वाला दर्द, दांतों अथवा त्वचा सम्बन्धित रोग, अस्थिभ्रंश, मांसपेशियों से सम्बन्धित रोग,लकवा, बहरापन, खांसी, दमा, अपच, स्नायुविकार इत्यादि.