Safar ki dua in hindi : यदि आप यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए है। इंसान को यात्रा करने की आवश्यकता है, इसलिए इस्लाम ने सफ़र की सुंदरता और यात्रा कैसे करें और यात्रा के संबंध के बारे में बताया है। इस्लाम में जिन चीजों और नमाज़ों को पढ़ने का आदेश दिया गया है, वे केवल इंसान के भले के लिए हैं।
इस पोस्ट में हम आप लोगों को अलग अलग भाषा और अलग समय पर दुआ पढ़ने के लिए दिया है,
- Safar ki dua in hindi
- Safar mein jaane ki dua / Travel ki dua
- Safar ki dua hindi me / Safar par jane ki dua
- Safar ki dua for car – अगर आप कार से सफर कर रहे हो तो
- safar ki dua in Telugu
- Safar ki dua in Arabic
- Safar ki dua in Urdu
- Safar se wapsi ki dua
- Safar ki dua mp3
- सफर में जाने की सुन्नतें
हम आगे सभी भाषा में बताएंगे लेकिन बेहतर ये ही है की आप लोग अरबी ज़ुबान में ही दुआ पढ़े और याद करें कियूंकि दुआ को अरबी में ही सही से पढ़ पाएंगे। अगर किसी को अरबी के शब्द और क़ुरआन करीम पढ़ना नहीं आता तो उन्हें सीखना चाहिये।
Safar mein jaane ki dua / Travel ki dua
अगर आप सफर पर निकल रहे हो तो ये दुआ पढ़के जाइए, नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जब सफ़र का इरादा फ़र्माते और सवारी के रुकाब (पेंडल) पर अपने क़दम मुबारक रखते तो आप बिस्मिल्लाह पढ़ते, फिर जब सवारी पर अच्छी तरह बैठ जाते तो ये दुआ पढ़ते सुब-हा-नल्लज़ी.. फिर अल्हम्दु लिल्लाह (तीन बार) और अल्लाहु अकबर (तीन बार) जो हम निचे बताए है।
Safar ki dua in Arabic
بِسْمِ اللهِ، سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَٰذَا وَمَا كُنَّا لَه‘ مُقْرِنِينَ، وَإِنَّا إِلٰى رَبِّنَا لَمُنْقَلِبُونَ
،اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ، اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ، اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ، اَللهُ أَكْبَرُ، اَللهُ أَكْبَرُ، اَللهُ أَكْبَرُ
سُبْحَانَكَ اللَٰهُمَّ إِنِّي ظَلَمْتُ نَفْسِي فَاغْفِرْ لِي، فَإِنَّه‘ لَا يَغْفِرُ الذُّنُوبَ إِلَّا أَنْتَ
बिसमिल्लाह, सुब-हा-नल्लज़ी सख्ख-र-लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बिना ल मुन्क़लिबून
अल्हम्दु लिल्लाह, अल्हम्दु लिल्लाह, अल्हम्दु लिल्लाह, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
सुबहा-न कल्लाहुम्म इन्नी ज़लमतु नफ़्सी फ़गफिरली, फ़- इन्नहू, ला यगफिरुज़्ज़ुनू-ब इल्ला अंत
(सुनन अबू दावूद: 2602)
सफ़र की दुआ का तर्जुमा हिंदी में
अल्लाह के नाम से शुरू, पाक हे वह ज़ात जिस ने हमारे लिए इसे क़ाबू में किया, वरना हम इसे क़ाबू ना करसकते थे और हम अपने परवरदिगार की तरफ़ लौटने वाले है. तमाम तारीफ़ अल्लाह ही के लिए हे, तमाम तारीफ़ अल्लाह ही के लिए हे, तमाम तारीफ़ अल्लाह ही के लिए हे, अल्लाह सबसे बड़ा हे, अल्लाह सबसे बड़ा हे, अल्लाह सबसे बड़ा हे, ए अल्लाह तू पाक हे, बेशक में ज़ालिम हु तू पाक हे, में ने खुद पर ज़ुल्म किया तू मेरा गुनाह बख्श दे, इस लिए की तेरे सिवा कोई गुनाह नहीं बख्श सकता।
Safar ki Dua in English
Bismillah, Subhanallazee Sakh-kharalana Haza Wama Kunna Lahoo Muqrineen, Wa inna ilaa Rabbina Lamunqaliboon,
Alhmadulillah, Alhmadulillah, Alhmadulillah, Allahu Akbar, Allahu Akbar, Allahu Akbar
Sub-hana Kallahumma Innee Zalamtu Nafsee Faghfirlee, Fa Innahu La Yaghfiruz-zunuba illa Anta.
safar ki dua in Urdu
الله کے نام سے شروع, وہ ذات پاک ہے جس نے ہمارے لیے اسے مطیع کر دیا اور ہم اسے قابو میں لانے والے نہ تھے اور بےشک ہم اپنے رب کی طرف لوٹنے والے ہیں
Safar se wapsi ki dua
जब सफ़र से वापस लौटें तो ये दुआ पढ़िए:
آيِبُنَ ، تَائِبُونَ ، عَابِدُونَ ، لِرَبِّنَا حَامِدُونَ
‘Aa-yeebuna, taa-eeboona, Aabidoona, Li Rabbina Haamidoona
आ-यीबूना, ता-ईबूना, आबिदूना, लि रब्बिना हामिदूना
हम घर लौटने वाले है. अल्लाह की बंदगी करने वाले है. अपने रब्ब की ‘हम्द करने वाले है.
ہم گھر لوٹنے والے ہے, الله کی بندگی کرنے والے ہے, اپنے رب کی حمد کرنے والے ہے
We are Returners, Repenters, Worshippers and in Praise to our Lord
Lambe Safar par jane ki dua
जब भी आप किसी भी तरह की लंबी यात्रा पर जाते हैं। हवाई जहाज, कार, मोटरसाइकिल, साइकिल या जो कुछ भी सवारी करें। केवल 5 सेकंड में यात्रा के लिए दुवा पढ़के अपने आप को यात्रा में सुरक्षित रखें।
بِسْمِ اللهِ وَالْحَمْدُ لِلَّهِ سُبْحَانَ الَّذِيْ سَخَّرَ لَناَ هَذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقرِنِيْنَ وإِنَّا إِلَى رَبِّناَ لمُنْقَلِبُوْنَ
Bismillahi Walhamdu Lillahi Subhaanal-lazzee Sakhkhara lanaa Haaza Wama Kunna Lahu Muqrineen. Wa Inna Ilaa Rabbina Lamun Qaliboon
“With The Name of ALLAH, Glory be (to) the One Who(has) subjected to us this, and not we were of it capable. And indeed, we to our Lord, will surely return.”
بِسْمِ اللهِ وَالْحَمْدُ لِلَّهِ سُبْحَانَ الَّذِيْ سَخَّرَ لَناَ هَذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقرِنِيْنَ وإِنَّا إِلَى رَبِّناَ لمُنْقَلِبُوْنَ
ALLAH ke naam se shuru, wo zaat paak hai jisne hamare liye ise mutee’ kar diya aur ham ise qaboo mein lane wale na the. Aur beshak ham apne rabb ki taraf lautne wale hai.
सफर पर निकलने की दुआ हिंदी में तर्जुमा के साथ: अल्लाह के नाम से शुरू, वह ज़ात पाक है जिसने हमारे लिए इसे मुती’ कर दिया और हम इसे क़ाबू में लाने वाले न थे। और बेशक हम अपने रब्ब की तरफ लौटने वाले है|
Safar ki dua for car
अगर आप कार से लंबे दूरी का सफर कर रहे हो तो ऊपर दी गयी दुवा पढ़ सकते है
Safar ki dua mp3
सफर में जाने की सुन्नतें
- तन्हा कभी सफर नहीं करें। जहान तक हो खातिर तो सफर में काम-अज-कम दो आदमी तो जाए। ये आम तौर पर एक शहर से दसरे शहर या जाने जाने वाले सफर की बात हो रही है।
- जब आप सवारी के लिए बेथे वो बस हो, कार हो या फिर बाइक। सिद्ध प्रति यानि दहिना प्रति पहले ‘बिस्मिल्लाह शरीफ’ के साथ रखिए।
- और जब अच्छी तरह से बेथ जाए यानी अपनी जगह बना लें तो फिर तीन (3) मार्तबा ‘अल्लाहु अकबर’ (अल्लाह बहुत बार है) कहिए।
- ठकने की सूरत में रास्ते में परव ना दलीन। किसी भी तोर पर रही को परशानी ना होने पाए।
- और अगर जब है सफर के दौर जब आप किसी बुलंदी यानि चढ़ते पर चढ़ते हो या आपकी गाड़ी किसी चढ़े पर चढ़ रही हो तो फिर तीन (3) मरतबा ‘अल्लाहु अकबर’ (अल्लाह बहुत बार है) कहिए।
- और ठीक इसी तरह से जब आप यानी सवारी या फिर आप जिस गाड़ी में बेथे है वो नशीब या पेस्टी यानी डालन से उतरने लगे तो भी फिर तीन (3) मरतबा ‘अल्लाहु अकबर’ (अल्लाह बहुत बढ़ा है) कहिए।
आखरी बात
कुछ लोगों का मानना है कि अगर यात्रा में 2 दिन का समय लगता है तो इसे सफल माना जाता है। यात्रा के बारे में इस्लामी विद्वानों की राय विभाजित है। अल्लाह तआला तुम्हारी मंशा देखता है, रोज़ा न रखने और पूरी नमाज़ न पढ़ने का पहला मत करो।
मुझे पूरी उम्मीद है कि सफर की दुआ से जुड़ा यह लेख आपको पसंद आया होगा। अल्लाह हाफिज।
अल्लाह के नाम से शुरू, पाक हे वह ज़ात जिस ने हमारे लिए इसे क़ाबू में किया, वरना हम इसे क़ाबू ना करसकते थे और हम अपने परवरदिगार की तरफ़ लौटने वाले है. तमाम तारीफ़ अल्लाह ही के लिए हे, तमाम तारीफ़ अल्लाह ही के लिए हे, तमाम तारीफ़ अल्लाह ही के लिए हे, अल्लाह सबसे बड़ा हे, अल्लाह सबसे बड़ा हे, अल्लाह सबसे बड़ा हे, ए अल्लाह तू पाक हे, बेशक में ज़ालिम हु तू पाक हे, में ने खुद पर ज़ुल्म किया तू मेरा गुनाह बख्श दे, इस लिए की तेरे सिवा कोई गुनाह नहीं बख्श सकता।
तन्हा कभी सफर नहीं करें। जहान तक हो खातिर तो सफर में काम-अज-कम दो आदमी तो जाए। ये आम तौर पर एक शहर से दसरे शहर या जाने जाने वाले सफर की बात हो रही है।
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https://lalkitabhindi.com/mantra-se-upchar/safar-ki-dua-in-hindi/#Safar_ki_dua_mp3
अल्लाह के नाम से शुरू, वह ज़ात पाक है जिसने हमारे लिए इसे मुती’ कर दिया और हम इसे क़ाबू में लाने वाले न थे। और बेशक हम अपने रब्ब की तरफ लौटने वाले है|
अल्लाह के नाम से शुरू, वह ज़ात पाक है जिसने हमारे लिए इसे मुती’ कर दिया और हम इसे क़ाबू में लाने वाले न थे। और बेशक हम अपने रब्ब की तरफ लौटने वाले है|
أَسْتَوْدِعِكُمُ اللَّهَ الَّذِي لَا تَضِيعُ وَدَائِعُهُ
अस्त्तौदिअुल्ला-ह दी-न-क व अ मा-न-त-क व ख़्वाती-म
अ-म-लि-क०।
आज भी लोगों की राय बंटी हुई है। अधिकांश लोगों का मानना है कि अगर मेरी यात्रा 80 किमी से अधिक है, तो इसे यात्रा के रूप में माना जाना चाहिए। क्या उस यात्रा को पूरा करने के लिए विमान या ट्रेन का इस्तेमाल किया गया था। सबसे सटीक यात्रा की परिभाषा दूरी के हिसाब से मानी जाती है।