bhaavuk aur sanvadenasheel hote hain rohinee nakshatr ke jaatak

भावुक और संवदेनशील होते हैं रोहिणी नक्षत्र के जातक – जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव – Passionate and sensitive to Rohini constellation of native – bhaavuk aur sanvadenasheel hote hain rohinee nakshatr ke jaatak

हर इंसान के व्यक्तित्व पर नक्षत्रों का प्रभाव” इस कड़ी में हम रोहिणी नक्षत्र पर चर्चा करेंगे। ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार रोहिणी चारों चरणों में वृषभ राशि में होता है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनका व्यक्तित्व कैसा होता है चलिए देखते हैं। चन्द्रमा को रोहिणी नक्षत्र का स्वामी कहा जाता है। इस नक्षत्र में जिनका जन्म होता है वे कल्पना की ऊंची उड़ान भरने वाले होते हैं। वे अपनी कल्पना की दुनियां में खुश रहना पसंद करते हैं। इनका मन हिरण के समान चंचल होता है, किसी विषय पर देर तक विचार करना और मुद्दे पर कायम रहना इनके लिए कठिन होता है। कला के प्रति इनमें गहरी अभिरूचि होती है ये संगीत, नृत्य, चित्रकारी, शिल्पकला आदि में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। इनका स्वभाव मधुर और प्रेम से ओत प्रोत रहता है।

इनका जीवन सुखमय रहता है, ये सभी प्रकार के सांसारिक सुखों का आनन्द लेते हैं। अगर ये प्रयास करें तो जीवन में निरंतर आगे की ओर बढ़ते रहते हैं। ये जिस विभाग या क्षेत्र में होते हैं उसमें उच्च पद तक जाते हैं। विपरीत लिंग वालों के प्रति इनमें विशेष आकर्षण देखा जाता है, इनका जीवन रोमांस से भरपूर होता है।रोहिणी नक्षत्र के जातक सरकारी विभाग में हों या व्यवसाय में दोनों ही जगहों पर ये प्रसिद्धि और यश प्राप्त करते हैं इन्हें माता से पूरा सहयोग मिलता है और प्रेम प्राप्त होता है, मां के साथ इस नक्षत्र के जातक का विशेष लगाव रहता है। ये हृदय से भावुक और संवदेनशील होते हैं, भावनाओं पर नियंत्रण रखना इनके लिए अच्छा रहता है। ये जितने कल्पनाशील होते हैं, उसके अनुरूप अगर कल्पना को यथार्थ बनाने का प्रयास करें तो काफी आगे जा सकते हैं

अन्यथा कल्पना रेत के महल बनकर रह जाते हैं। इनके जीवन में स्थायित्व की कमी पायी जाती है क्योंकि ये चींजों में परिवर्तन करते रहते हैं। इन्हे यात्रा करना, सैर सपाटा करना काफी अच्छा लगता है, परंतु अपने घर के प्रति भी बहुत लगाव रखते हैं। जीवन साथी के प्रति आकर्षण और हृदय से लगाव रहने के कारण इनका वैवाहिक जीवन बहुत ही सुखमय और आनन्दमय रहता है। ये अपने मन पर बोझ लेकर नहीं चलते हैं इसलिए हमेशा प्रसन्न और खुश रहते हैं। इनके बच्चे समझदार और नेक गुणों वाले होते हैं। अपने नेक और सुन्दर व्यवहार के कारण ये समाज और अपने परिवेश में आदर व सम्मान प्राप्त करते हैं।

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