punarvasu nakshatra in hindi

parichay poorvaashaadha nakshatr mein janme vyakti ka bhavishyaphal

परिचय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का भविष्यफल – पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का भविष्यफल – About purva ashadha born constellation person Forecast – parichay poorvaashaadha nakshatr mein janme vyakti ka bhavishyaphal

0 डिग्री से लेकर 360 डिग्री तक सारे नक्षत्रों का नामकरण इस प्रकार किया गया है- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। 28वां नक्षत्र अभिजीत है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में […]

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uttaraashaadha nakshatr parichay

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र परिचय – उत्तराषाढ़ा नक्षत्र – Uttara ashadha constellation introduction – uttaraashaadha nakshatr parichay

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। इसका प्रथम चरण भूनाम से धनुराशि में आता है। राशि स्वामी गुरु है तो नक्षत्र स्वामी सूर्य है। सूर्य की दशा में सबसे कम 6 वर्ष की होती है। जो लगभग जन्म से 6 वर्ष के अंदर बीत जाती है। इसके बाद चंद्रमा की 10 वर्ष मंगल की 7

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uttaraaphaalgunee nakshatr ke jaatak

उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के जातक – जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव – Uttrafalguni constellation of native – uttaraaphaalgunee nakshatr ke jaatak

उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में जिन लोगों का जन्म होता है उनका स्वभाव कैसा होता है, इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा होता है एवं उनके विषय में ज्योतिषशास्त्र क्या कहता है आइये इस पर विचार करें। नक्षत्र मंडल में उत्तराफाल्गुनी १२ वां नक्षत्र होता है । इस नक्षत्र के स्वामी सूर्य होते

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bharanee nakshatr ke jaatak ka vyaktitv

भरणी नक्षत्र के जातक का व्यक्तित्व – जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव – Personality native of Bharani constellation – bharanee nakshatr ke jaatak ka vyaktitv

नक्षत्रों की कड़ी में भरणी को द्वितीय नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है। जो व्यक्ति भरणी नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे सुख सुविधाओं एवं ऐसो आराम चाहने वाले होते हैं। इनका जीवन भोग विलास एवं आनन्द में बीतता है। ये देखने में आकर्षक व सुन्दर होते हैं। इनका

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bhaavuk aur sanvadenasheel hote hain rohinee nakshatr ke jaatak

भावुक और संवदेनशील होते हैं रोहिणी नक्षत्र के जातक – जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव – Passionate and sensitive to Rohini constellation of native – bhaavuk aur sanvadenasheel hote hain rohinee nakshatr ke jaatak

हर इंसान के व्यक्तित्व पर नक्षत्रों का प्रभाव” इस कड़ी में हम रोहिणी नक्षत्र पर चर्चा करेंगे। ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार रोहिणी चारों चरणों में वृषभ राशि में होता है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनका व्यक्तित्व कैसा होता है चलिए देखते हैं। चन्द्रमा को रोहिणी नक्षत्र का स्वामी कहा जाता है।

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bahaadur hote hain mrgashira nakshatr ke jaatak

बहादुर होते हैं मृगशिरा नक्षत्र के जातक – जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव – Brave are Orion constellation native – bahaadur hote hain mrgashira nakshatr ke jaatak

वैदिक ज्योतिष में मूल रूप से २७ नक्षत्रों का जिक्र किया गया है। नक्षत्रों के गणना क्रम में मृगशिरा नक्षत्र का स्थान पांचवां है । इस नक्षत्र पर मंगल का प्रभाव रहता है क्योंकि इस नक्षत्र का स्वामी मंगलदेव होते है।जैसा कि हम आप जानते हैं व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उसके स्वभाव

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rohinee nakshatr samsya

रोहिणी नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Rohini constellation – rohinee nakshatr samsya

रोहिणी नक्षत्र के देवता चंद्र को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से जामुन के पेड को रोहिणी नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग जामुन के पेड की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में जामुन के पेड को

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pushp nakshatr samsya

पूष्य नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Pushy Star – pushp nakshatr samsya

पुष्य नक्षत्र के देवता शनि को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से पीपल के पेड को पूष्य नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग पीपल वृक्ष की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में पीपल वृक्ष के पेड को

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Pushya Nakshatra

शुभ फलदायी होता है पुष्य नक्षत्र. – गृह नक्षत्र का प्रभाव – The good fruitful flower constellation. – Pushya Nakshatra

कार्तिक अमावस्या के पूर्व आने वाले पुष्य नक्षत्र को शुभतम माना गया है। जब यह नक्षत्र सोमवार, गुरुवार या रविवार को आता है, तो एक विशेष वार नक्षत्र योग निर्मित होता है जिसका संधिकाल में सभी प्रकार का शुभ फल सुनिश्चित हो जाता है। गुरुवार को इस नक्षत्र के पड़ने से गुरु-पुष्य नामक योग का

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Rohini Nakshatra

रोहिणी चंद्रमा की सुंदर पत्नी – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Rohini beautiful wife of the Moon – Rohini Nakshatra

रोहिणी नक्षत्र को वृष राशि का मस्तक कहा गया है। इस नक्षत्र में तारों की संख्या पाँच है। भूसे वाली गाड़ी जैसी आकृति का यह नक्षत्र फरवरी के मध्य भाग में मध्याकाश में पश्चिम दिशा की तरफ रात को 6 से 9 बजे के बीच दिखाई देता है। यह कृत्तिका नक्षत्र के पूर्व में दक्षिण

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