मेष लग्न
में सूर्य लग्न, पंचम, नवम, द्वादश में हो व गुरु लग्न पंचम, नवम, द्वादश में शुभ परिणाम देगा। मंगल मेष, मकर, सिंह, धनु में हो तो ऐसा जातक विद्यावान, उच्च शिक्षा में सफल प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता पाने वाला होगा।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। इसका प्रथम चरण भूनाम से धनुराशि में आता है। राशि स्वामी गुरु है तो नक्षत्र स्वामी सूर्य है। सूर्य की दशा में सबसे कम 6 वर्ष की होती है। जो लगभग जन्म से 6 वर्ष के अंदर बीत जाती है।
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